रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तवांग क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झडप पर संसद में कहा-सशस्त्र बल हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तवांग क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झडप पर संसद में कहा-सशस्त्र बल हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अरूणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प के दौरान हमारा कोई जवान न तो हताहत हुआ है और न ही गम्‍भीर रूप से घायल हुआ है। तवांग की घटना पर आज लोकसभा में बयान देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि चीनी सैनिकों ने इस महीने की 9 तारीख को यांगत्‍से क्षेत्र में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण करने की कोशिश की और एकतरफा तौर पर यथास्थिति को बदला। भारतीय सैनिकों ने चीन की कोशिश का डटकर मुकाबला किया और उसे विफल कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह झड़प हाथापाई में बदल गई जिसका हमारी सेना ने बहादुरी से मुकाबला किया और चीनी सैनिकों को भारतीय क्षेत्र में आने से रोकते हुए उन्‍हें वापस अपनी चौकियों पर जाने को मजबूर किया। रक्षामंत्री ने कहा कि हाथापाई में कुछ जवान दोनों और से घायल हुए। उन्‍होंने कहा कि भारतीय सेना के कमांडरों ने समय पर हस्‍तक्षेप किया और चीनी सैनिक अपनी चौकियों पर वापस चले गये। राजनाथ सिंह ने बताया कि 11 दिसम्‍बर को दोनों पक्षों के स्‍थानीय कमांडरों की फ्लैग बैठक हुई । उन्‍होंने कहा कि चीनी पक्ष को इस तरह की कार्रवाईयों से बचने और सीमा पर शांति और सदभावना बनाये रखने को कहा गया। रक्षा मंत्री ने बताया कि इस मुद्दे को कूटनीतिक माध्‍यमों से भी चीन के साथ उठाया गया। उन्‍होंने सदन को विश्‍वास दिलाया कि भारतीय सेनायें देश की भौगोलिक अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसी किसी भी कोशिश को विफल करती रहेंगी। बाद में रक्षा मंत्री के बयान से असंतुष्‍ट कांग्रेस और कुछ अन्‍य विपक्षी पार्टियों ने सदन से वाकआउट किया।

राजनाथ सिंह ने राज्‍यसभा में भी इसी तरह का बयान दिया। विपक्षी सदस्‍यों ने रक्षा मंत्री से स्‍पष्‍टीकरण देने की मांग की लेकिन उपसभा‍पति हरिवंश ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्‍होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और ऐसे मुद्दों पर मंत्री के बयान पर स्‍पष्‍टीकरण मांगने की अनुमति देने का कोई दृष्‍टांत नहीं है। इससे असंतुष्‍ट विपक्षी सदस्‍यों ने तत्‍काल बहस की अपनी मांग जारी रखी और नारे लगाये। बाद में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्‍ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों और अन्‍य सदस्‍यों ने सदन से वाकआउट किया।

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