वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) ने “कोयला शक्ति” – स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड (एससीएडी) लॉन्च किया है, जो डिजिटल बदलाव और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह प्लेटफॉर्म कोयला मंत्रालय के निर्देशों के तहत एनआईसीडीसी द्वारा विकसित किया गया है और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) द्वारा संचालित है।
कोयला शक्ति भारत के कोयला और लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र में प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित बुद्धिमत्ता को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्लेटफ़ॉर्म कोयला उत्पादन, परिवहन और खपत की रियल-टाइम निगरानी को सक्षम बनाता है, जिससे संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और स्थिरता सुनिश्चित होती है। इस प्लेटफ़ॉर्म का शुभारंभ भारत सरकार के केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किया। डिजिटल इंडिया और लॉजिस्टिक्स आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप, कोयला शक्ति, एकीकृत विश्लेषण ढाँचे के माध्यम से कई प्रणालियों को जोड़ने वाले अगली पीढ़ी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में एनआईसीडीसी की बढ़ती भूमिका को प्रदर्शित करता है। साल 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत शुरू किए गए डिजिटल गेटवे – यूलिप – का लाभ उठाते हुए, यह प्लेटफ़ॉर्म रेलवे, बंदरगाहों, कस्टम्स, कोयला उत्पादकों और बिजली संयंत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स नोड्स में सुरक्षित और निर्बाध डेटा विनिमय की सुविधा प्रदान करता है।
48 से ज़्यादा एकीकृत एपीआई और 15 बंदरगाहों से प्राप्त आंकड़ों के साथ कोयला शक्ति, कोयला आपूर्ति श्रृंखला में रीयल-टाइम दृश्यता प्रदान करता है और “एक राष्ट्र, एक डैशबोर्ड” दृष्टिकोण के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित है। यह स्थापना औद्योगिक गलियारा विकास से लेकर राष्ट्रीय डिजिटल अवसंरचना और ई-गवर्नेंस तक अपनी विशेषज्ञता को लागू करने में एनआईसीडीसी की सफलता को भी दर्शाती है।
केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य खनन विभागों, बिजली कंपनियों, बंदरगाहों और निजी क्षेत्र सहित प्रमुख हितधारकों के डेटा को एकीकृत करके, यह प्लेटफ़ॉर्म पारंपरिक कोयला लॉजिस्टिक्स को एक बुद्धिमत्तापूर्ण, सक्रिय और स्थायी प्रणाली में बदल देता है। पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण और स्थिरता निगरानी उपकरणों का एकीकरण निर्णय लेने और पर्यावरण के प्रति जवाबदेही को और बेहतर बनाता है।
कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में, एनआईसीडीसी भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता, लॉजिस्टिक्स दक्षता और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। औद्योगिक स्मार्ट शहरों के विकास और पीएम मित्र पार्क जैसी पहलों के प्रबंधन में अपने सिद्ध अनुभव के साथ, निगम अब कोयला शक्ति जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने प्रौद्योगिकीय नेतृत्व का विस्तार कर रहा है, जिससे नवाचार-संचालित विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और मजबूत हो रही है।
इस शुभारंभ समारोह में कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त, एनआईसीडीसी के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक रजत कुमार सैनी तथा दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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