भारत और अमेरिका ने प्रौद्योगिकी साझेदारी के 25 क्षेत्रों की पहचान की

भारत और अमेरिका ने प्रौद्योगिकी साझेदारी के 25 क्षेत्रों की पहचान की

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत में प्रौद्योगिकी सहयोग पर मुख्‍य रूप से विचार विमर्श किया गया। वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री मोदी की अमरीकी यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग में विदेश सचिव विनय मोहन क्‍वात्रा ने कहा कि भारत और अमेरिका ने दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा के प्रत्‍यक्ष परिणाम के रूप में संयुक्‍त वक्‍तव्‍य में प्रौद्योगिकी साझेदारी के लगभग 25 क्षेत्रों की पहचान की है। उन्‍होंने कहा कि रक्षा सहयोग के अंतर्गत प्रौद्योगिकी का स्‍थान बरकरार रहेगा। जीई का भारत के एचएएल के साथ एक ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर के साथ एक महत्‍वपूर्ण घोषणा हुई है। इसके अनुसार जीई 414 अंतरिक्ष इंजन का उत्‍पादन भारतीय हल्‍के लडाकू विमानों के लिए किया जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 9/11 हमले के दो दशक और 26/11 हमले के एक दशक के बाद भी आतंकवाद की समस्‍या वैश्विक समुदाय के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। विदेश सचिव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय के लिए आवश्‍यक है कि वे आतंकवाद को प्रायोजित करने तथा समर्थन देने वाले लोगों के लिए समाज की सुरक्षा और संरक्षा को गंभीर चुनौती समझते रहें और इससे बहुत सख्‍ती से निपटा जाना चाहिए।

विदेश सचिव ने यह भी कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि अमेरिका, भारत में अहमदाबाद और बेंगलुरू में दो नए वाणिज्‍य दूतावास खोलने की प्रक्रिया शुरू करेगा जबकि भारत, अमरीका में अपना एक वाणिज्‍य दूतावास सिऐटल में और दो अन्‍य स्‍थानों पर खोलेगा।

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