प्रधानमंत्री भारत से विलुप्त हो चुके जंगली चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में रहने के लिए मुक्त करेंगे
नामीबिया से लाए गए चीतों को प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत में रहने के लिए लाया गया है, जो बड़े जंगली मांसाहारी जानवर के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण से जुड़ी दुनिया की पहली परियोजना है
चीतों को भारत वापस लाने से खुले जंगल और चारागाह इकोसिस्टम की फिर से बहाली करने में मदद मिलेगी तथा स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसरों में भी वृद्धि होगी
कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को रहने के लिए मुक्त करेंगे। उसके बाद वे कराहल, श्योपुर में महिला एसएचजी सदस्यों/सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के साथ एसएचजी सम्मेलन में भाग लेंगे।
कुनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रधानमंत्री द्वारा जंगली चीतों को रहने के लिए मुक्त करना; भारत के वन्य जीवन और वन्य जीवों के आवास को पुनर्जीवित करने एवं इसमें विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है। चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। जिन चीतों को उद्यान में छोड़ा जाएगा, वे नामीबिया के हैं और उन्हें इस साल की शुरुआत में हुए समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है। भारत में चीता को फिर से पेश करने का कार्य, प्रोजेक्ट चीता के तहत किया जा रहा है, जो बड़े जंगली मांसाहारी जानवर के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण से जुड़ी दुनिया की पहली परियोजना है।
चीता भारत में खुले जंगल और घास के मैदान के इकोसिस्टम की बहाली में मदद करेंगे। यह कार्यक्रम जैव विविधता के संरक्षण में मदद करेगा और इससे जल सुरक्षा, कार्बन अवशोषण और मिट्टी की नमी संरक्षण जैसी इकोसिस्टम प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, जिससे समाज को बड़े पैमाने पर लाभ प्राप्त होगा। पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के सन्दर्भ में प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप इस प्रयास से पर्यावरण विकास और पर्यावरण पर्यटन गतिविधियों के जरिये स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसरों में वृद्धि होगी।