Categories: News-Headlines

नीति आयोग ने देश के सेवा क्षेत्र पर दो रिपोर्ट जारी कीं: राष्ट्रीय सकल मूल्य संवर्धन और रोजगार रूझान तथा राज्य-स्तरीय सक्रियता का निरीक्षण

नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन की उपस्थिति में सेवा विषयक श्रृंखला के अंतर्गत दो रिपोर्ट जारी कीं। कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग संघों के प्रतिनिधि और शिक्षा जगत के सदस्य उपस्थित थे। ये रिपोर्टें उत्पादन और रोजगार के व्यापक दृष्टिकोण से सेवा क्षेत्र का पहला समर्पित मूल्यांकन हैं जो समग्र रुझानों से आगे बढ़कर अलग-अलग और राज्य-स्तरीय रूपरेखा प्रस्तुत करती हैं।

पहली रिपोर्ट “भारत का सेवा क्षेत्र: जीवीए रूझानों और राज्य-स्तरीय सक्रियता पर अंतर्दृष्टि” राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय रूझानों का निरीक्षण करती है ताकि यह समझा जा सके कि सेवा-आधारित विकास विभिन्न क्षेत्रों में किस प्रकार हो रहा है और क्या सेवाओं में कम प्रारंभिक हिस्सेदारी वाले राज्य अधिक उन्नत राज्यों के बराबर पहुंच रहे हैं, जो संतुलित क्षेत्रीय विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।

सेवा क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि का आधार बन गया है, जिसने 2024-25 में राष्ट्रीय सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में लगभग 55 प्रतिशत का योगदान दिया। रिपोर्ट में पाया गया है कि सेवा-आधारित विकास का प्रसार क्षेत्रीय रूप से अधिक संतुलित होता जा रहा है। हालांकि सेवा क्षेत्र के शेयरों में अंतर-राज्यीय असमानताएं मामूली रूप से बढ़ी हैं, लेकिन इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि संरचनात्मक रूप से पिछड़े राज्य भी इसमें शामिल होने लगे हैं। यानी भारत का सेवा-आधारित परिवर्तन धीरे-धीरे अधिक व्यापक और स्थानिक रूप से समावेशी होता जा रहा है।

क्षेत्रीय स्तर पर, यह रिपोर्ट विविधीकरण और प्रतिस्पर्धात्मकता में तेजी लाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक, नवाचार, वित्त और कौशल विकास को प्राथमिकता देने की सिफ़ारिश करती है। राज्य स्तर पर, यह स्थानीय क्षमताओं के आधार पर अनुकूलित सेवा रणनीतियां विकसित करने, संस्थागत क्षमता में सुधार करने, सेवाओं को औद्योगिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने और शहरी एवं क्षेत्रीय सेवा समूहों का विस्तार करने की सिफ़ारिश करती है।

“भारत का सेवा क्षेत्र: रोजगार रूझानों और राज्य-स्तरीय सक्रियता पर अंतर्दृष्टि” पर दूसरी रिपोर्ट, सेवा क्षेत्र के रोजगार का विश्लेषण करती है ताकि सब-क्षेत्रों, क्षेत्रों, शिक्षा और व्यवसायों में भारत के सेवा कार्यबल का बहुआयामी विवरण प्रस्तुत किया जा सके। यह समग्र रूझानों से आगे बढ़कर इस क्षेत्र के दोहरे चरित्र को उजागर करती है: आधुनिक, उच्च-उत्पादकता वाले क्षेत्र जो वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी तो हैं, लेकिन रोजगार की तीव्रता सीमित है और पारंपरिक क्षेत्र जो बड़ी संख्या में श्रमिकों को अपने में समाहित करते हैं लेकिन मुख्यतः अनौपचारिक और कम वेतन वाले बने रहते हैं।

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि सेवाएं भारत में रोजगार वृद्धि और महामारी के बाद की स्थिति में सुधार का मुख्य आधार बनी हुई हैं फिर भी चुनौतियां कायम हैं। विभिन्न उप-क्षेत्रों में रोजगार सृजन असमान है, अनौपचारिकता व्यापक रूप से फैली हुई है और रोजगार की गुणवत्ता उत्पादन वृद्धि से पीछे है। लैंगिक असमानताएं, ग्रामीण-शहरी विभाजन और क्षेत्रीय असमानताएं एक ऐसी रोजगार रणनीति की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं जो औपचारिकता, समावेशन और उत्पादकता वृद्धि को अपने मूल में समाहित करे।

इन अंतरालों को पाटने के लिए, रिपोर्ट में चार-भागों में एक नीतिगत रोडमैप प्रस्तुत किया गया है जिसमें गिग, स्व-नियोजित और एमएसएमई श्रमिकों के लिए औपचारिकीकरण और सामाजिक सुरक्षा, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के लिए अवसरों का विस्तार करने के लिए लक्षित कौशल और डिजिटल पहुंच, उभरती और हरित अर्थव्यवस्था कौशल में निवेश और टियर-2 व टियर-3 शहरों में सेवा केंद्रों के माध्यम से संतुलित क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सेवा क्षेत्र को उत्पादक, उच्च गुणवत्ता वाले और समावेशी नौकरियों के एक आधार के रूप में स्थापित करते हुए, रिपोर्ट भारत के रोजगार परिवर्तन में इसकी केंद्रीयता और 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।

ये रिपोर्टें राज्य सरकारों और उद्योग जगत के लिए सेवा-आधारित विकास के अगले चरण को गति देने हेतु संभावित रणनीतियों का एक सांकेतिक मार्ग प्रस्तुत करती हैं। ये रिपोर्टें डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कुशल मानव पूंजी का विस्तार करने, नवाचार व्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने और मूल्य श्रृंखलाओं में सेवाओं को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर देती हैं जिससे भारत सेवाओं के क्षेत्र में एक विश्वसनीय वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित हो सके।

Leave a Comment

Recent Posts

UIDAI ने AI, ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग और एडवांस्ड एन्क्रिप्शन के माध्यम से डिजिटल पहचान को फ्यूचर-प्रूफ बनाने के लिए ‘आधार विजन 2032’ फ्रेमवर्क का अनावरण किया

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने तेजी से बदलते प्रौद्योगिकीय और विनियामक परिदृश्य को स्वीकार… Read More

13 hours ago

भारत-अमरीका के बीच कुआलालंपुर में अगले दस वर्षों के लिए एतिहासिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर

भारत और अमरीका ने आज अगले दस वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग हेतू… Read More

16 hours ago

बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एनडीए का घोषणापत्र जारी; एक करोड़ सरकारी नौकरियां, MSP की गारंटी और पांच लाख रुपये तक के मुफ़्त इलाज का वादा

एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आज संयुक्‍त संकल्‍प पत्र जारी किया।संकल्‍प पत्र में… Read More

16 hours ago

प्रधानमंत्री कल छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव में हिस्सा लेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह लगभग 10 बजे,… Read More

18 hours ago

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के केवड़िया में 1219 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर केवड़िया में… Read More

21 hours ago

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी गुजरात के एकता नगर में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में भाग लिया

कृतज्ञ राष्ट्र आज लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित… Read More

21 hours ago

This website uses cookies.