चक्रवात मोन्था के खतरे के बीच दूरसंचार संपर्क की सुरक्षा के लिए दूरसंचार विभाग ने 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया

चक्रवात मोन्था के खतरे के बीच दूरसंचार संपर्क की सुरक्षा के लिए दूरसंचार विभाग ने 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात मोन्था के मद्देनजर दूरसंचार नेटवर्क की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियों के तहत कई उपाय किए हैं। इसका असर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय जिलों पर पड़ने की संभावना है।

दूरसंचार नेटवर्क संचालन की निगरानी, ​​सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय और जिला प्रशासन तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से त्वरित प्रतिक्रिया की सुविधा के लिए विजयवाड़ा स्थित दूरसंचार विभाग के आंध्र प्रदेश एलएसए कार्यालय में एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को निर्बाध नेटवर्क संचालन, पर्याप्त ईंधन भंडार, आपातकालीन बिजली बैकअप की तैयारी और संवेदनशील जिलों में फील्ड रिस्पांस टीमों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी-2020) के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने संचार निरंतरता बनाए रखने और आपात स्थिति के दौरान पूर्व चेतावनी देने के लिए सभी नेटवर्कों पर इंट्रा सर्कल रोमिंग (आईसीआर) और सेल ब्रॉडकास्ट (सीबी) परीक्षण पूरा करना सुनिश्चित किया है।

हाल ही में लागू किए गए स्वदेशी सेल ब्रॉडकास्ट का आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) में सभी सेवा प्रदाताओं के लिए सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है और इसे उपयोग में लाया जा रहा है।

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को एपीएसडीएमए द्वारा चिह्नित महत्वपूर्ण स्थानों पर सेल-ऑन-व्हील्स (सीओडब्ल्यू) इकाइयां और मोबाइल बीटीएस उपकरण तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं। दूरसंचार अवसंरचना की बहाली और आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं को निर्बाध संचार सहायता को प्राथमिकता देने के लिए राज्य आईटीई और सी विभाग और एपीएसडीएमए के साथ समन्वय बैठकें आयोजित की गईं।

चक्रवात के दौरान और उसके बाद निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार विभाग अपने नियंत्रण कक्ष और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से नियमित अपडेट के माध्यम से स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहा है।

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