गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा संचालित राजीव गांधी प्रतिष्ठान के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम- एफसीआरए उल्लंघन से जुड़े सवाल को टालने के लिए भारत-चीन झड़प का मुद्दा उठाया गया है। संसद के बाहर आज पत्रकारों से बातचीत में अमित शाह ने कहा कि राजीव गांधी प्रतिष्ठान को 2005-2007 के दौरान चीन के दूतावास से एक करोड़ 35 लाख रुपये का अनुदान मिला था, जो कि विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत उचित नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार ने नियमानुसार प्रतिष्ठान का पंजीकरण रद्द कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में लोकसभा में एक प्रश्न सूचीबद्ध था लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कार्यवाही में बाधा डाली। अमित शाह ने जोर देकर कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में है, कोई भी भारत की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि भारत-चीन सीमा गतिरोध और राजीव गांधी प्रतिष्ठान के एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने में कोई संबंध नहीं है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने निराशा व्यक्त की कि राज्यसभा में भारत-चीन सीमा विवाद पर रक्षामंत्री के बयान के बाद विपक्षी दलों को स्पष्टीकरण की अनुमति नहीं दी गई।