उत्तराखंड में वर्षा से संबंधित घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 35 हो गयी है जबकि नौ लोग अब भी लापता हैं। राज्य में कुमायूं क्षेत्र पर बारिश का सबसे बुरा असर पडा है। नैनीताल में सबसे अधिक 27 लोगों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआव्जा देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री आज बाढ़ प्रभावित नैनीताल, अल्मोड़ा, चम्पावत और ऊधमसिंह नगर के बारिश प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कल गढ़वाल और कुमायूं के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने पर निर्देश दिया।
राज्य के प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए 15 दल तैनात किये हैं। भारतीय वायु सेना के तीन हेलिकॉप्टरों को भी राहत कार्यों में लगाया गया है।
इस बीच, गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए फिर खोल दिया गया है।