उत्तराखंड में केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत और बचाव कार्य आज दूसरे दिन भी जारी है। केदारनाथ से अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। हमारी संवाददाता ने बताया है कि भारतीय सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाव अभियान और तेजी से चलाया जा रहा है।
केदारनाथ पैदल मार्ग के प्रभावित क्षेत्रों से प्रशासन ने एनडीआरफ, एसडीआरफ और पुलिस की मदद से लगभग तीन हजार तीन सौ लोगों को पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचाया है, जबकि सात सौ से अधिक लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। भीमबली और लिनचोली से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट कर शेरसी और गुप्तकाशी पहुंचाया जा रहा है। यहां अभी भी करीब पांच सौ तीर्थयात्री फंसे हैं। वर्षा और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा अगले आदेश तक रोक दी गई है। केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग के विभिन्न जगहों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों के परिजनों के लिए पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। मोबाइल नम्बर 7 5 7 9 2 5 7 5 7 2 और और लैंडलाइन नम्बर 0 1 3 6 4 2 3 3 3 8 7 पर संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री धामी ने राहत शिविरों में विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया और कहा कि पूरे उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
पूरे उत्तराखंड के अंदर बचाव और राहत के कार्य चल रहे हैं। लगातार सभी विभाग अलर्ट मोड में अभी तक सब मिलाकर इतने लोगों को रेस्क्यू किया गया, लगभग वो संख्या पांच हजार है और जो लोग अभी बचे हुए हैं एक हजार के लगभग लोग धाम पर हैं और मौसम में भी ठीक रहता है तो आज शाम तक सभी को निकाल लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखण्ड की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य को पूरी सहायता का आश्वासन दिया है।
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