विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा है कि बहुध्रुवीय विश्‍व, भारत के लिए तब बहुध्रुवीय होगा जब अफ्रीका भी ध्रुवों में शामिल होगा

विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा है कि बहुध्रुवीय विश्‍व, भारत के लिए तब बहुध्रुवीय होगा जब अफ्रीका भी ध्रुवों में शामिल होगा

विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने कहा है कि बहुध्रुवीय विश्‍व, भारत के लिए तब बहुध्रुवीय होगा जब अफ्रीका भी ध्रुवों में शामिल होगा। नई दिल्‍ली में आज यशोभूमि में अफ्रीका के राजदूतों की मेजबानी करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह सभा अफ्रीकी संघ की जी-20 की सदस्‍यता के महत्‍व को चिंहित करती है। डॉ. जयशंकर ने भारत और अफ्रीका के बीच गहरे संबंधों का प्रमुखता से उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि अफ्रीका के साथ भारत का व्‍यापार एक सौ अरब डॉलर से अधिक है और पूरी तरह संतुलित है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह व्‍यापार आने वाले दशक में दोगुना हो जाएगा। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत अफ्रीका में निवेश करने वाले शीर्ष पांच निवेशकों में शामिल है।

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