प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार के राजस्व विभाग के केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और ऑस्ट्रेलिया सरकार के डिपार्टमैंट ऑफ होम अफेयर्स इन्कोऑपरेटिंग दी ऑस्ट्रलियन बॉर्डर फोर्स के बीच पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) पर हस्ताक्षर और समर्थन को मंजूरी दे दी है।
इस व्यवस्था का उद्देश्य आयातक देश के सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा माल की निकासी में दोनों हस्ताक्षरकर्ताओं के मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय निर्यातकों को पारस्परिक लाभ प्रदान करना है। अधिकृत आर्थिक ऑपरेटरों की पारस्परिक मान्यता वैश्विक स्तर पर व्यापार को उच्च सुविधा प्रदान करते हुए आपूर्ति श्रृंखलाओं की अंतिम छोर तक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने हेतु विश्व सीमा शुल्क संगठन के मानकों के सुरक्षित प्रारूप का एक प्रमुख घटक है। इस व्यवस्था से ऑस्ट्रेलिया में हमारे निर्यातकों को लाभ होगा और इस प्रकार दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
ऑस्ट्रेलिया में विश्वसनीय व्यवसायी कार्यक्रम और भारत में अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर कार्यक्रम की पारस्परिक मान्यता दोनों देशों के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर करने की तिथि से लागू होगी। दोनों देशों के सीमा शुल्क प्रशासनों की सहमति से प्रस्तावित पारस्परिक मान्यता व्यवस्था के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया गया है।