केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लॉजिस्टिक क्षमता और संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए शुक्रवार को 50,655 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 936 किलोमीटर लंबी आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड सड़क गलियारा परियोजनाओं को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान के मुताबिक, इन आठ परियोजनाओं के कार्यान्वयन से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे। मंत्रिमंडल की स्वीकृति पाने वाली परियोजनाओं में छह लेन का आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा, चार लेन का खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा और छह लेन का थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा शामिल है।
इनके अलावा चार-लेन वाले अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा के पत्थलगांव और गुमला के बीच चार-लेन वाले खंड और छह-लेन वाले कानपुर रिंग रोड को भी मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इन परियोजनाओं के बारे में कहा, ”भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को ‘परिवर्तनकारी’ प्रोत्साहन।
50,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय से आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड सड़क गलियारा परियोजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी से हमारी आर्थिक ‘वृद्धि’ पर ‘गुणक’ प्रभाव पड़ेगा और ‘रोजगार’ के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। यह एक बेहतरीन और जुड़े हुए भारत के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
आधिकारिक बयान के मुताबिक, 88 किलोमीटर लंबे आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे को 4,613 करोड़ रुपये की कुल लागत से छह लेन गलियारे के रूप में ‘बनाओ-चलाओ-सौंपो’ (बीओटी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे को 10,247 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया जाएगा। थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे को 10,534 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया जाएगा।
अयोध्या रिंग रोड को कुल 3,935 करोड़ रुपये की पूंजी लागत से विकसित किया जाएगा जबकि रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे की कुल लागत 4,473 करोड़ रुपये होगी। कानपुर रिंग रोड को 3,298 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से विकसित किया जाएगा।
बयान के मुताबिक, 121 किलोमीटर लंबे उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास के चौड़ीकरण/सुधार का काम तीन खंडों में 5,729 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से बीओटी मॉडल पर किया जाएगा। परियोजना के तहत ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख पुल का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पुणे के पास 30 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ गलियारा का निर्माण बीओटी मॉडल पर 7,827 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया जाएगा।