वायु प्रदूषण से बुरा हाल दिल्ली, दीपावली के बाद हालात हुए और खराब

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देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत के ज़्यादातर राज्य बीते कुछ समय से प्रदूषण की समस्या झेल रहे है। दिवाली के बाद प्रदूषण की समस्या और गंभीर हो गई है।

देश के 3 अलग अलग शहरों की ये तस्वीरें बता रही है कि पहले से प्रदूषण की बुरी हालत से परेशान लोगों की मुश्किलें और बढ गयी हैं । बुधवार को दीवाली के बाद दिल्ली एनसीआर और आस पास के राज्यों में प्रदूषण का स्तर और बिगड गया और कई जगहों पर हालात बहुत खराब के साथ ही इमरजेंसी की श्रेणी में आ गए।

सबसे पहले बात राजधानी  की करें तो दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह इस साल की सबसे घटिया वायु गुणवत्ता रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 रहा जो अत्यंत गंभीर आपात श्रेणी के अंतर्गत आता है। इसका तात्पर्य है कि ऐसी हवा में लंबे समय तक रहने से व्यक्ति को सांस संबंधी परेशानी हो सकती है। हालांकि दिल्ली के कुछ इलाके ऐसे भी रहे जहां आंकडा 600 और 700 तक पहुंच गया ।  दिल्ली वालों को सुबह भारी स्मोग का सामना करना पडा जिससे उनको काफी परेशानी हुई ।

गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक शून्य से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। 500 से ऊपर जाने पर इसे  अत्यंत गंभीर आपात श्रेणी में रखा जाता है।

हालात बिगड़ने पर लोक निर्माण विभाग ने दिन में कई इलाकों में पानी छिड़कने का अभियान चलाया ताकि प्रदूषण रोकने के प्रयासों के तहत, धूल के कणों को उड़ने से रोका जा सके। आईटीओ, रोहिणी, द्वारका, रिंग रोड और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य इलाकों में पानी छिड़का गया। अगले कुछ दिन तक पानी का छिड़काव चलता रहेगा। दिल्ली में  पहले ही निर्माण गतिविधियां रोकने और यातायात का नियमन किया गया है साथ ही  खुदाई समेत सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक है। एक से 10 नवंबर तक ‘स्वच्छ हवा अभियान’ भी चल रहा है ।

बात उत्तर प्रदेश की करें तो राजधानी लखनऊ समेत राज्य के प्रमुख शहरों में भी  दीपावली की अगली सुबह धुंध नजर आई। दीपावली पर इन शहरों में जमकर आतिशबाजी हुई और उच्चतम न्यायालय द्रारा तय सीमा रात दस बजे के बाद भी पटाखों की आवाज सुनी जाती रही।  दीपावली के अगले दिन जब लोगों ने आंखें खोलीं तो चारों तरफ धुंध थी। खासकर गाजियाबाद नोएडा और कानपुर जैसे शहरों में हालात बेहद खराब रहे । मुंबई , जयपुर और कोलकाता जैसे शहरों में भी हालात खराब रहे । कोलकाता पीएम 2.5 का स्तर 330 दर्ज किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदुषण बढ़ने पर लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए। हो सके तो सुबह की सैर ना करें, प्रदुषण वाले इलाकों में जाने से बचे। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की सबसे ज्यादा जरुरत है ।

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