10000 एफपीओ का गठन और ई-नाम प्‍लेटफॉर्म को मजबूत बनाना लघु कृषक कृषि व्‍यापार संघ (एसएफएसी)का दायित्‍व

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एसएफएसी की 24वीं प्रबंधन बोर्ड व 19वीं वार्षिक जनरल बोर्ड की बैठकों को सम्‍बोधित करते हुए श्री तोमर ने 1000 मंडियों को ई-नाम से जोड़े जाने की सराहना की; 1.66 करोड़ से ज्यादा किसान, 1.30 लाख से अधिक व्यापारी ई-नाम के साथ पंजीकृत

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन की घोषणा के अत्यंत महत्वपूर्ण कदम सहित कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार किए हैं। इस कार्य को पूरा करने का दायित्व लघु कृषक कृषि व्‍यापार संघ (एसएफएसी) का है, जो वर्तमान परिस्थितियों में ई-नाम प्लेटफार्म को सशक्त बनाने के लिए भी उत्‍तरदायी है। एसएफएसीकी स्‍थापना के बाद से देश में संस्थागत व निजी क्षेत्र के निवेश के में काफी प्रगति हुई है।

श्री तोमर ने एसएफएसी की 24वीं प्रबंधन बोर्ड व 19वीं वार्षिक जनरल बोर्ड की बैठकों को सम्‍बोधित करते हुए दो चरणों में 1000 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने के लिए एसएफएसी की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म को बनाने का उद्देश्य पूर्ण होना चाहिए। ई-नाम प्लेटफार्म के जरिए अभी तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। ई-नाम की शुरूआत से 1.66 करोड़ से ज्यादा किसान, 1.30 लाख से अधिक व्यापारियों का इसके साथ पंजीयन हुआ है। श्री तोमर ने कहा कि हमारे सामने यह चुनौती है कि हम यह सुनिश्चित करें कि सुधारों के परिणामस्वरूप उत्पाद बेचने में सरलता हो, पारदर्शिता रहे, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकें, किसानों की सीधी पहुंच इस प्लेटफार्म तक हो। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन में भी किसानों ने बड़ी मेहनत से फसल कटाई का काम पूरा किया और अब उपार्जन का काम भी अच्छे से संपन्न हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि इस संबंध में किसानों की मदद करने के लिए एसएफएसी निश्‍चित तौर पर बधाई का पात्र है।

श्री तोमर ने कहा कि इससे पहले एसएफएसी वर्तमान योजनाओं के आधार पर एफपीओ का गठन करता था, लेकिन अब प्रसन्नता की बात है कि प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश में 10 हजार एफपीओ का गठन करने की घोषणा की है, जिससे इस काम में गति आएगी। एफपीओ का केवल गठन हीन हो, बल्कि वे अपने उद्देश्यों की भी प्राप्ति करें। उनकी जिम्मेदारी इन मायनों में और भी बढ़ जाती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसान सामूहिक रूप से इकट्ठे हो, विचार करें, उनका प्रशिक्षण हो, उत्पादन बढाएं, विविध फसलें लें, कीटनाशकों के कम इस्तेमाल इत्यादि पर मंथन हो आदि। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया है। उन्‍होंने कहा कि कोविड का संकट बीच में आया, फिर भी कृषि मंत्रालय और किसानों की गति धीमी नहीं हुई। श्री तोमर ने तारीफ करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान कृषि उपज के परिवहन की समस्या हल करने के लिए एसएफएसी ने किसान रथ एप को मंत्रालय के अधिकारियों के सहयोग से लॉन्च किया, जिससे काम सुगम हो सका।

PIB

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