आएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, सरकार के कामकाज को प्रभावित नहीं करता है संघ, और न ही अलग शक्ति केंद्र में करता है विश्वास। सरसंघचालक ने कहा, राष्ट्र निर्माण के लिए महिलाओं की समाज में बराबर की भागीदारी ज़रूरी
दिल्ली में राष्ट्रीय संवयसेवक संघ का तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारत को लेकर संघ दृष्टिकोण लोगों के सामने रखा। मोहन भागवत ने कहा है कि संघ ने स्वयं तय किया है कि रोज मर्रा की राजनीति में हम नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति के बारे में हमारा मत है। ये जनता तय करे। उन्होंने कहा कि संघ सार्वजनिक तौर पर खुले दिल से बोलता है। उन्होंने कहा कि संघ का राजनीति से परहेज है लेकिन घुसपैठियों पर न बोलें ऐसा नहीं होगा।
विज्ञान भवन में चल रहे आरएसएस के कार्यक्रम के दूसरे दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि संघ ने स्वयं तय किया है कि रोज मर्रा की राजनीति में हम नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति के बारे में हमारा मत है। ये जनता तय करे। उन्होंने कहा कि संघ सार्वजनिक तौर पर खुले दिल से बोलता है। उन्होंने कहा कि संघ का राजनीति से परहेज है लेकिन घुसपैठियों पर न बोलें ऐसा नहीं होगा।
मोहन भागवत ने कहा कि कई मामलों में हम देखते हैं कि महिलाएं पुरूषों की तुलना में बेहतर काम करती हैं। इसलिए उनको सिर्फ सबल बनाने की जरूरत है। महिला और पुरूष दोनों बराबर हैं। सहभागी होना राष्ट्रनिर्माण के लिए जरूरी है। संघ प्रमुख ने साफ किया कि हिन्दू शब्द को आग्रह के तौर पर ले कर चल सकते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में तीन दिनों का संघ का कार्यक्रम है जिसमें देश के प्रबुद्द वर्ग को संघ के बारे में बताया जा रहा है । अभी तक दो दिन के हुए कार्यक्रम में संघ की पृष्ठभूमि और संघ की सोच के बारे में बताया गया है अब तीसरे दिन यानि बुधवार को प्रश्नोत्री कार्यक्रम होगा जिसमें आए हुए लोग संघ के बारे में संघ प्रमुख से सवाल पूछेगें ।