दक्षिण पश्चिम मॉनसून पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ा

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उत्तरी बंगाल की खाड़ी और आस-पास के क्षेत्र में 19 जून के करीब एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र/क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के अनुसार:

♦दक्षिण पश्चिम मॉनसून पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ चुका है।

♦मॉनसून की उत्तरी सीमा(एनएलएम) अब कांडला, अहमदाबाद, इंदौर, रायसेन, खजुराहो, फतेहपुर और बहराइच से होकर गुजरती है।

♦एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वी उत्तर प्रदेश और इसके आस-पास के क्षेत्र में स्थित है जिसकी ऊँचाई, औसत समुद्र तल से 3.6 किमी तक है तथा एक कम दवाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम राजस्थान से दक्षिण हरियाणा एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के चक्रवाती परिसंचरण तक बना है और यह औसत समुद्र तल से 0.9 किमी तक की ऊँचाई पर स्थित है। इन दो प्रणालियों के प्रभाव से:

  1. अगले 2 दिनों के दौरान कोंकण तथा गोवा में भारी से बहुत भारी वर्षा होने और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने और अगले 2 दिनों के दौरान मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की सम्भावना है।
  2. पूर्वी भारत में वर्षा की तीव्रता बढ़ने और 17 से 19 जून, 2020 के दौरान इस क्षेत्र में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है और अगले 5 दिनों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम केअलग–अलग क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
  3. अगले 5 दिनों के दौरान असम और मेघालय तथा त्रिपुरा और मिजोरम में व्यापक रूप से भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है तथा अगले 3 दिनों के दौरान पश्चिम असम औरमेघालय के अलग–अलग क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

♦19 जून के आसपास उत्तरी बंगाल की खाड़ी और समीपवर्ती क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।

PIB

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