अद्भुत संयोग के साथ इस तारीख से शुरू होगा श्रावण मास, जानें क‍ितने आ रहे हैं सोमवार

यूं तो भोलेनाथ को प्रसन्‍न करने के लिए किसी भी तरह की व‍िशेष पूजा-अर्चना की जरूरत नहीं होती। क्‍योंकि भोलेनाथ अपने भक्‍त की श्रद्धा से की गई क्षणिक मात्र की भक्ति से ही प्रसन्‍न हो जाते हैं। इसीलिए उन्‍हें भोले भंडारी भी कहा जाता है। लेक‍िन सावन मास में श‍िवजी की पूजा का व‍िशेष धार्मिक महत्‍व बताया गया है। अगर आप भी भोले की भक्ति और कृपा पाना चाहते हैं और सावन के सोमवार का व्रत करते हैं। तो इस बार 6 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है। ऐसे में आप सावन के प्रत्‍येक सोमवार को इस कथा को पढ़कर पूजन-अर्चन करें। मान्‍यता है क‍ि इस व्रत कथा को जो भी व्‍यक्ति पढ़ता या सुनता है। भोलेनाथ उसकी मन्‍नतों की झोली भर ही देते हैं।

सावन में सोमवार का महत्व

शिव पुराण के अनुसार सावन का महीना शंकर जी को अति प्रिय है और सोमवार का दिन शिवजी का होता है। भगवान शिव को पाने के लिए देवी पार्वती ने सावन माह में ही कठोर तप किया था। इसलिए सावन में सोमवार का महत्व बहुत माना गया है। इस लिए सावन में हर सोमवार को व्रत रखने और विशेष पूजा का विधान होता है। भगवान शिव दांपत्य जीवन के साथ संतान सुख प्रदान करने वाले माने गए हैं। उनकी पूजा से सुख, शांति, धन धन्य और अच्छा स्वास्थ्य सब कुछ प्राप्त होता है।

इस बार सावन के महीने में अनोखा संयोग है क‍ि ये महीना सोमवार से शुरू होकर सोमवार पर ही खत्‍म हो रहा है। देखें क्‍या हैं इस महीने के सोमवार की तारीखें –

पहला  सोमवार    6 जुलाई
दूसरा  सोमवार   13 जुलाई
तीसरा  सोमवार  20 जुलाई
चौथा   सोमवार   27 जुलाई
पांचवां  सोमवार  3 अगस्‍त

वैवाहिक समस्याएं दूर करने के लिए करें ये उपाय

यदि वैवाहिक जीवन में संकट हो या पति-पत्नी में मनमुटाव रहता हो तो उन्हें अपने जीवन में सुखा शांति के लिए सावन में पड़ने वाले हर सोमवार के दिन साथ में मिल कर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करना दांपत्य जीवन में सुख लाएगा।

सावन में हर दिन ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का जाप जब समय मिले करना चाहिए। इस जाप को रुद्राक्ष की माला से कम से कम 108 बार जपें। सावन में हर दिन शिव परिवार के समक्ष गाय के घी का दीपक पति-पत्नी को साथ में जलाना चाहिए।

बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये उपाय

श्रावण मास में प्रति दिन स्नान के पानी में कुछ बूंद गंगाजल डाल कर स्नान करें। इसके बाद शिवजी को पूजा में रोली-मोली, चावल, धूप, दीपक, सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, कलावा, पीला फल, सफेद मिष्ठान, गंगा जल तथा पंचामृत अर्पित करें। गाय के घी का दीपक जला शिव चालीसा का पाठ करें और इसके बाद शिवाष्टक पढ़ें। ये उपाय आपको और आपके परिवार को बीमारियों से मुक्त करेगा। सावन के महीने में प्रतिदिन शिव जी के साथ शिव परिवार की भी पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद देवी पार्वती को भी जरूर पूजना चाहिए।

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