भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है।
डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में मोबाइल फोन के ज़रिए सूचना क्रांति का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इससे जुड़े मसलों और चुनौतियों पर मंथन करने के लिए ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण गुरूवार से दिल्ली में शुरू हुआ। भारत दूरसंचार और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन विभाग द्वारा आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू हुआ। 27 अक्टूबर तक चलने वाले टेक्नोलॉजी के इस महाकुंभ में 5 जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स ,क्लाउड कम्प्युटिंग और सॉफ्टवेयर पर चर्चा हो रही है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018 का थीम न्यू डिजिटल होराइजंस: कनेक्ट, क्रिएट और इनोवेट है। इस अवसर पर केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने टेलिकॉम क्रांति में आम जन को केंद्र में रखने का आह्ववान किया तो वहीं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सूचना क्रांति के साथ ही डेटा की सुरक्षा को लेकर भी सरकार गंभीर है.
इस मोबाइल कांग्रेस के पहले दिन टेलिकॉम क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने भविष्य की तकनीक और मौजूदा चुनौतियों को लेकर अपने विचार साझा किए. टेलिकॉम सेवाओं को गाँव गाँव तक पहुँचाने के संकल्प के साथ बेहतर तकनीक के प्रयोग पर भी चर्चा की गई.. 5जी नेटवर्क की ओर बढ़ने से पहले संचार के क्षेत्र में ढ़ाचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार मे बड़े निवेश की जरुरत पर जोर दिया। लेकिन उद्योग जगत इस बात को लेकर भी सतर्क दिखा की नयी तकनीक के दाम उपभोक्ताओं की पहुँच से बाहर ना हों.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है की तकनीक ही देश की तकदीर है. देश में स्मार्ट फोन यूज़र्स की बढ़ती संख्या ये साबित करती है की डिजिटल तकनीक के ज़रिए न्यू इंडिया के निर्माण में टेलिकॉम सेक्टर की भूमिका अहम है. इंडिया मोबाइल कांग्रेस इन्ही से जुड़े अहम मसलों पर मंथन करने का अहम मौका दे रहा है