Sawan Somvar 2020 : आज है सावन का पहला सोमवार, जानें घर पर रहकर कैसे करें शिव अराधना

सावन माह शिव का भी प्रिय मास है। इस मास में शिव का जलाभिषेक करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं। शिवालयों में इस दौरान शिव भक्तों का काफी जमावड़ा लगा रहता है, सावन मास के सोमवार का काफी महत्व है और इसका विधि-विधान से पूजन किया जाता है।

सावन सोमवार के व्रत की पूजा संध्या के वक्त की जाती है। इसके लिए सूर्योदय के पूर्व उठकर व्रत का संकल्प लें। शिवलिंग का जलाभिषेक कर अबीर, गुलाल, चंदन, बेलपत्र आदि से श्रंगार करें। भांग, धतूरा, श्वेत मिठाई, ऋतुफल, बेलफल चढ़ाए। दीप, धूप लगाएं और आरती करें।

सावन सोमवार के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। अनैतिक कार्यों से बचें और बुरे विचारों को मन में न लाए। वृद्धों, असहायों की मदद करे और उनका सम्मान करें। सावन मास में बैंगन का सेवन न करें। तामसिक आहार जैसे मांस, मदिरा आदि का त्याग करें। इस महीनें में पौधारोपण करें, लेकिन हरे पेड़ों को काटने से बचें।

स्कंदपुराण के अनुसार शिवभक्त को सावन मास में एक समय व्रत करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि एक समय सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। स्नान के जल में बिल्वपत्र या आंवला डालकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। सावन मास में जल में भगवान श्रीहरी का वास होता है। इसलिए इस महीने तीर्थ के जल में स्नान का काफी महत्व बतलाया गया है। असहायों, गरीबों और साधु-संतों को वस्त्रों का दान करना चाहिए। चांदी के पात्र में दूध, दही या पंचामृत का दान करना चाहिए। तांबे के बर्तन में अन्न, फल या भोजन सामग्री को रखकर दान करना चाहिए।

सावन में राशि अनुसार शिवजी पूजा करने से कुंडली के ग्रह दोष शांत हो सकते हैं। जानिए सभी 12 राशि के लोग शिवजी की पूजा कैसे कर सकते हैं…

मेष – मेष राशि का स्वामी मंगल जो लिंग रूप में ही अपने उत्पत्ति स्थान उज्जैन में स्थित है। मेष राशि वालों को दही से अभिषेक करना चाहिए, लाल गुलाल और लाल फूल से शिव का पूजन करना चाहिए।

वृषभ – इसका स्वामी शुक्र है। इन लोगों को कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए। शिवजी के वाहन नंदी है, किसी गौशाला में घास और रोटी का दान करें।

मिथुन – बुध राशि के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग शिव-पार्वती को लाल कनेर के पुष्प, शहद चढ़ाएं। पिस्ता से भोग लगाना चाहिए। बिल्व पत्र अर्पित करें।

कर्क – इस राशि का स्वामी चंद्र है। चंद्र शिवजी के मस्तक पर शोभित है। ये लोग कच्चे दूध, सफेद आंकडे और दही से शिव पूजा करें। मिठाई का भोग शिवजी को लगाएं।

सिंह – इस राशि का स्वामी सूर्य गर्म स्वभाव का होता है। इस ग्रह को शांत करने के लिए शीतल जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।

कन्या – ये भी बुध के स्वामित्व वाली राशि है। कन्या राशि के लोग शिवलिंग पर मूंग की दाल से बनी मिठाई का भोग लगाएं। बिल्व पत्र, एक फल चढ़ाएं। मंत्रों का जाप करें।

तुला – अष्टमी और एकादशी तिथि पर शिवलिंग पर सफेद वस्त्र अर्पण करें। पार्वतीजी को श्रृंगार सामग्री अर्पण करें। जीवन साथी के पूजा करें।

वृश्चिक – इस राशि के लोग पूरे माह गरीबों की सेवा करें। शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और सुगंधित धूप जलाएं।

धनु – गुरु के स्वामित्व वाली राशि है। सावन माह के प्रत्येक गुरुवार को बेसन से बने मिष्ठान्न शिवजी को चढ़ाएं। पीला वस्त्र अपनी माता को भेंट करें।

मकर – ये शनि के स्वामित्व वाली राशि है। शिवलिंग पर नीले फूल चढ़ाएं। धतूरा शिवजी को चढ़ाएं।

कुंभ – यह भी शनि स्वामित्व की राशि है। किसी जरूरतमंद विद्यार्थी की मदद करें करें। शिक्षा से जुड़ी चीजें दान करें।

मीन – गुरु के स्वामित्व वाली राशि के लोग द्वादश ज्योर्तिलिंग के नाम का जाप करें। अन्यथा लाभ नहीं मिल पाएगा।

कई बार ऐसा होता है कि हम भूलकर पूजा करते समय छोटी मोटी गलतियां कर बैठते हैं। इस कारण पूजा सफल नहीं हो पाती। हम आपको बता रहे हैं वे 5 चीजें जो आपको भूलकर भी पूजा के दौरान नहीं करनी चाहिए।

1. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए कभी भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

2. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि जिस जगह से चढ़ा जल बाहर आ रहा होता है उस जल को लांघना नहीं चाहिए।

3. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में इसे वर्जित माना गया है।

4. शिवलिंग की पूजा करते समय भूलकर भी सिंदूर, तिल और हल्दी नहीं चढ़ना चाहिए।

5. इस दिन किसी भी व्यक्ति को गलत बात नहीं बोलना चाहिए और ना ही गलत सोचना चाहिए।

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