इंडोनेशिया में ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के भीतर हुए भूस्खलन की वजह से आई सूनामी में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 281। आपदा प्रबंधन एजेंसी ने दूसरी सुनामी की आशंका के मद्देनज़र लोगों को समुद्री तटों से दूर रहने को कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई संवेदना, कहा-भारत राहत एवं बचाव कार्य के लिए हर संभव मदद के लिए तैयार।
इंडोनेशिया में सुनामी के बाद मची भीषण तबाही के बाद अब पीड़ितों की देखभाल और मृतकों की पहचान का काम तेज़ हो गया है। देश में जावा और सुमात्रा द्वीपो में शनिवार रात को आई सुनामी ने भयंकर तबाही मचाई थी। इंडोनेशिया की सुंडा जलसंधि के तट पर स्थानीय समयानुसार शनिवार रात 9:30 बजे सुनामी ने दस्तक दी। अधिकारियों के मुताबिक अब तक 281 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि सैकड़ो लोग घायल हो गए हैं।
नेशनल डिजास्टर मिटिगेसन एजेंसी के प्रमुख ने बताया कि सुनामी आने से पहले समुद्र की तलहटी में भौगोलिक हलचल हुई, जिसकी वजह से अनक कराकाटू ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। साथ ही कई लोगों के सुनामी में लापता होने की भी ख़बरें हैं जिनकी तलाश में प्रशासन जुटा हुआ है।
सुनामी के चलते सैकड़ों इमारतें धराशायी हो गई, पेड़ और बिजली के खंबे उखड़ गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट करते हुए इंडोनेशिया में सूनामी में मारे गए लोगों के प्रति अपने व भारत के लोगों की तरफ से संवेदना व्यक्त की। उन्होंने साथ ही लिखा कि भारत अपने समुद्री पड़ोसी को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।