भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के ‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला के ‘गोवा-क्रुसिबल ऑफ कल्चर’ में 7 मई, 2020 को ‘अल्प ज्ञात’ या ‘अज्ञात’ यात्रा अनुभवों को प्रस्तुत किया जिसकी पेशकश भारत का सबसे लोकप्रिय पर्यटन गंतव्य ‘गोवा’ करता है और इस प्रकार प्रतिभागियों को उस स्थान की अज्ञात खूबसूरती से साक्षात्कार कराता है जो गोवा में खोज किए जाने के लिए प्रतीक्षा कर रहा है।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के ‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला के ‘गोवा-क्रुसिबल ऑफ कल्चर’ में 7 मई, 2020 को ‘अल्प ज्ञात’ या ‘अज्ञात’ यात्रा अनुभवों को प्रस्तुत किया जिसकी पेशकश भारत का सबसे लोकप्रिय पर्यटन गंतव्य ‘गोवा’ करता है और इस प्रकार प्रतिभागियों को उस स्थान की अज्ञात खूबसूरती से साक्षात्कार कराता है जो गोवा में खोज किए जाने के लिए प्रतीक्षा कर रहा है।
लेखक, चित्रकार, फेस्टिवल क्यूरेटर विवेक मेनेजेस द्वारा प्रस्तुत, वेबिनार ने गोवा की उस समृद्धि जो सदियों की विपुल सांस्कृतिक आदान प्रदान और उस रचनाशीलता, जो विख्यात समुद्री तटों और नाइटलाइफ से आगे है, से होकर गुजरती है, को प्रदर्शित किया।
प्रस्तुति में भारत का अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, गोवा कला, साहित्य समारोह, सेरेंडिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल, स्थानीय समारोह, संगीत, फूड, पुरातत्व एवं चित्रकारी शामिल थी।
आज यात्रा केवल दर्शनीय स्थल भर नहीं बल्कि इससे आगे की बात है। अब यह नए अनुभवों को प्राप्त करना और हर नई जगह के लोगों तथा वहां की संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। स्थानीय घरों में ठहरना, स्थानीय कला सीखना, भोजन पकाना, समुदाय के साथ स्वेच्छा से काम करना कुछ ऐसी गतिविधियां हैं जो यादों में बसी रहेंगी।
वेबिनार का समापन करते हुए अपर महानिदेशक रूपिन्दर बरार ने संधारणीय यात्रा, विशेष रूप से ‘सामाजिक-सांस्कृतिक संधारणीयता‘ पर जोर दिया जिसका उद्देश्य समुदाय पर नकारात्मक प्रभाव को न्यूनतम बनाने और पर्यटन एवं पर्यटकों की दिशा में सकारात्मकता को बढ़ावा देना है।
PIB