सांसदों-विधायकों के मुकदमे लड़ने पर रोक नहीं, SC ने कहा- बार काउंसिल का ऐसा नियम नहीं
सांसद या विधायक बनने के बाद भी नेताओं के वकील के तौर पर प्रैक्टिस करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार किया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, ए.एम. खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में नेताओं के केस लड़ने पर किसी तरह की रोक का प्रावधान नहीं है। बीजेपी लीडर और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से इस मामले में दायर पीआईएल पर 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका में सांसद और विधायकों पर कार्यकाल के दौरान अदालत में मुकदमे लड़ने पर रोक की मांग की गई थी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि सांसद और विधायक निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं, लेकिन वे सरकार के नियमित कर्मचारी नहीं होते। केंद्र सरकार के तर्क को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने नेताओं के मुकदमे लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि इस तर्क के जवाब में उपाध्याय की ओर से पक्ष रख रहे शेखर नाफाडे ने कहा कि कोई भी विधायक और सांसद सरकार के खाते से सैलरी पाते हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत सरकार से सैलरी पाने वाले एंप्लॉयी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
इसके जवाब में शीर्ष अदालत ने कहा कि एंप्लॉयी और सरकार के बीच मालिक और नौकर का संबंध होता है, लेकिन भारत सरकार किसी सांसद के लिए मास्टर नहीं है। गौरतलब है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के केस लड़ने पर रोक से इनकार की मांग वाली याचिका में कहा गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
यूएनजीए की बैठक से पहले विदेश मंत्री ने कई द्विपक्षीय मुलाकातें
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें अधिवेशन के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंडेला शांति सम्मेलन को किया संबोधित, कहा राज्य समर्थित आतंकवाद शांति को सबसे बड़ा खतरा, कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ की अहम द्पिक्षीय वार्ता
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें अधिवेशन में शिरकत करने गई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल मंडेला शांति सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य समर्थित आतंकवाद शांति को सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि दुनिया अभी भी संघर्ष, आतंक और घृणित विचारधाराओं से घिरी हुई है। आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
विदेश मंत्री ने कल कई अहम द्पिक्षीय मुलाकातें भी की। उन्होंने कोलंबिया, स्पेन, नेपाल के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री ने यूरोपियन यूनियन की उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोग से भी मुलाकात की। दोनो नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी, साझा मूल्य, लोकतांत्रिक मूल्य, व्यापार, निवेश, आपसी और वैश्विक महत्व समेत कई अन्य महत्वपूर्ण विषयो पर बात की।
विदेश मंत्री ने आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री से मुलाकात की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने मंगोलिया के अपने समकक्ष के साथ भी मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। सुषमा स्वराज ने इक्वेडोर के विदेश मंत्री के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की।
इसके अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मोरक्को के विदेश मंत्री नसीर बौरिटा से मुलाकात की। दोनो नेताओ ने व्यापार, फार्मा, साईबर सुरक्षा, रक्षा, सांस्कृतिक समेत आपसी सहयोग को बढ़ाने पर बात की। विदेश मंत्री ने सुषमा स्वराज ने लिचटेन्स्टीन की विदेश मंत्री से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के आपसी संबंधो के 25 साल पूरे होने पर खुशी जताई। दोनो नेताओ ने व्यापार, निवेश और पर्यटन जैसे विषयो पर बातचीत की।