वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक बल और अन्य सेवाओँ के एयरफील्ड्स के लिए आधारभूत ढांचे का आधुनिकीकरण

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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ), भारतीय नौसेना (आईएन) और भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए लगभग 1,200 करोड़ रुपये की लागत से 37 हवाई अड्डों (एयरफील्ड्स) के मॉडर्नाइजेशन ऑफ एयर फील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (एमएएफआई) के लिए आज यहां एम/एस टाटा पावर एसईडी (टीपीएसईडी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा इस प्रस्ताव को विधिवत स्वीकृति दे दी गई है।

एमएएफआई चरण-2, एमएएफआई चरण-1 के बाद होने वाला एक कार्यक्रम है, जिसमें आईएएफ के 30 एयरफील्ड का सुधार शामिल है। एमएएफआई चरण-1 के अंतर्गत एयरफील्ड्स के आधुनिकीकरण से सैन्य और नागरिक उपयोग के लिहाज से व्यापक लाभ हुआ है।

यह परियोजना एक टर्नकी (तैयार) परियोजना है, जिसमें सीएटी-2 इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और सीएटी-2 एयरफील्ड लाइटनिंग सिस्टम (एएफएलएस) आदि आधुनिक एयरफील्ड उपकरणों की स्थापना और चालू करना शामिल है। एयरफील्ड के आसपास लगे उपकरण प्रत्यक्ष रूप से एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से जुड़े रहेंगे, जिससे हवाई यातायात नियंत्रकों को एयरफील्ड सिस्टम्स पर अच्छा नियंत्रण हासिल होगा। परियोजना के अंतर्गत परिवहन सहायकों और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण से कम दृश्यता और खराब मौसम में भी सैन्य और नागरिक विमानों का हवाई परिचालन आसान बनाकर परिचालन क्षमता में सुधार किया जाएगा, जिससे हवाई सुरक्षा में भी बढ़ोतरी होगी।

इस समझौते से वर्तमान परिस्थितियों में घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। परियोजना से 250 सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों को बढ़ावा मिलेगा, जिन्हें इस परियोजना के कार्यान्वयन की विभिन्न गतिविधियों से जुड़ने से प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। इस समझौते से बाजार में बहुप्रतीक्षित पूंजी का प्रवाह होगा और संचार, हवाई जहाज तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी के साथ सामान्य और विद्युत उपकरण व निर्माण जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे।

PIB

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