भारत में कारोबार करना अब और भी आसान हो गया है. विश्व बैंक की तरफ से जारी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में इस साल भारत 77वें पायदान पर पहुंच गया है. इस साल भारत ने रैंकिंग में जबरदस्त 23 अंकों की छलांग लगाई है. सरकार ने इस सूची में भारत को टॉप 50 में लाने का लक्ष्य रखा है.
कारोबार करने में सहूलियत यानी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर विश्व बैंक ने बुधवार को अपनी रेंटिंग जारी की है. इस साल भारत की रैंकिंग में जबरदस्त 23 अंकों की छलांग आई है. भारत इसमें 100 नंबर से चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुंच गया है. पिछले साल भारत ने इस सूची में दुनियाभर के 189 देशों में 100वां स्थान हासिल किया था. इस साल छह मानकों में भारत की रैकिंग में सुधार हुआ है. विश्व बैंक की रैकिंग के मुताबिक दो साल में इस रैकिंग में भारत को 53 अंकों की उछाल मिली है, जबकि चार साल में 65 अंकों का उछाल आया है.
दक्षिण एशिया के देशों की बात करें तो भारत इसमें पहले स्थान पर है, जबकि इससे पहले की रैंकिंग में भारत छठे नंबर पर था. वहीं ब्रिक्स देशों में भारत तीसरे स्थान पर है, जबकि पहले पांचवें स्थान पर था.
गौरतलब है कि विश्व बैंक हर साल आसान कारोबार वाले देशों की सूची जारी करता है. इसमें कुल 190 देश होते हैं. इस रैंकिंग में देशों को कई पैमाने पर आंका जाता है. भारत ने पिछले चार साल में तमाम सुधार किए हैं, जिससे ये रैंकिंग जोरदार तरीके से सुधरी है. सरकार ने इस सूची में भारत को टॉप 50 में लाने का लक्ष्य है.
इसके तहत देशों को 10 पैमाने पर आंका जाता है. इन 10 में से पैमानों पर भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है. रिपोर्ट में किसी कारोबार को शुरू करना, कंस्ट्रक्शन परमिट, क्रेडिट मिलना, छोटे निवेशकों की सुरक्षा, टैक्स देना, विदेशों में ट्रेड, कॉन्ट्रैक्ट लागू करना और दिवालिया शोधन प्रक्रिया को आधार बनाया जाता है. जानकारों का मानना है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को तो सहारा मिलेगा ही, विदेशी निवेश भी बढ़ेगा, जिससे शेयर बाजार में भी तेजी आएगी. विदेशी निवेश बढ़ने से देश में रोजगार के नए अवसर बनेंगे. भारत में कारोबारी माहौल बेहतर होने से दुनियाभर की कंपनियां तेजी से भारत में निवेश बढ़ा सकती हैं. ऐसे में देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
ईज़ ऑफ डूइंग रैंकिग में भारत का शानदार प्रदर्शन को सभी तरफ से सराहना मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के इस बेहतरीन प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए कहा है कि आर्थिक सुधारों के लिए सरकार अपने दृढ़ निश्चय पर कायम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस नई कामयाबी से उद्योग, निवेश और अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी ।