भारत और रूस के बीच इस मिसाइल सौदे के बारे में 2015 से बातचीत जारी है. यह मिसाइल सिस्टम इतना बेहतरीन है कि दुनिया के कई देश इसे खरीदना चाहते हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार से दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं. इस मौके पर रूस के साथ एस-400 मिसाइल सौदा होगा. इस सौदे पर पूरी दुनिया की नजर है.
एस-400 मिसाइल सिस्टम को नाटो देश एसए-21 ग्रोलर के नाम से जानते हैं. इस सिस्टम रूस ने बनाया है और इसके जरिए लंबी दूरी का निशाना साधा जा सकता है. इसका सबसे पहले प्रयोग 2007 में हुआ था. यह एस-300 को अपडेट करके बनाया गया है.
एस-400 कि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है और इसकी मारक क्षमता अचूक है. अगर रेंज की बात करें तो 400 किलोमीटर के दायरे में एक साथ कई मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को इसके जरिए ध्वस्त किया जा सकता है.
भारत के पास एस-400 मिसाइल सिस्टम के होने से देश की रक्षा क्षमता बढ़ जाएगी और चीन-पाकिस्तान की मिसाइलों से बचाव का इंतजाम हो सकेगा क्योंकि चीन पहले ही रूस के साथ यह सौदा कर चुका है साथ ही पाकिस्तान ने भारत की रूस के साथ होने वाली मिसाइल डील पर आपत्ति जताई थी.