भारत ने कल ओडिसा तट से दूर प्रतिरक्षा मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। इसके साथ ही भारत ने कम और अधिक उंचाई से लक्ष्य भेदने में सक्षम द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।
भारत ने रविवार की रात ओडिशा तट पर एक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसके साथ ही भारत ने द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इंटरसेप्टर को अब्दुल कलाम द्वीप से रात में आठ बजकर पांच मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। इसे पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक ने कहा कि यह पृथ्वी रक्षा यान (पीडीवी) मिशन पृथ्वी के वायुमंडल में 50 किमी से ऊपर की ऊंचाई पर लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए है।
डीआरडीओ सूत्रों ने कहा कि पीडीवी इंटरसेप्टर और लक्ष्य मिसाइल दोनों सफलतापूर्वक जुड़ गए थे। उन्होंने बताया कि राडार से आ रहे आंकड़ों का कंप्यूटर नेटवर्क ने सटीक विश्लेषण किया और आने वाली लक्ष्य मिसाइल को मार गिराया। सूत्रों के मुताबिक इंटरसेप्टर मिसाइल उच्च दक्षता वाले इंट्रियल नेविगेशन प्रणाली (आईएनएस) से निर्देशित हुई। इससे पहले 11 फरवरी, 2017 को इसी स्थान से इंटरसेप्टर का आखिरी बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।