भारत-रूस की 19वीं शिखर बैठक आज

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भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू, आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद।

पुतिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। पुतिन प्रतिभाशाली बच्चों के समूह से भी संवाद करेंगे और भारत रूस व्यापार बैठक को संबोधित भी करेंगे। सैन्य, उर्जा सहयोग, संपर्क और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग को विस्तार के लिहाज़ से राष्ट्रपति पुतिन का ये दौरा बेहद अहम है।

कई दशक पुरानी भारत और रुस की दोस्ती को मजबूत करने के लिए रुसी राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन गुरुवार शाम जब दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे वो वहां उऩका स्वागत करने के लिए मौजूद थीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज । हवाई अड्डे पर ही दोनों देशों के बीच के रिश्ते की गर्मजोशी साफ दिखी ।  19 वी भारत रुस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये दिल्ली पहुंचे पुतिन ने थोडी ही देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।

शुक्रवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन शुक्रवार के बीच भारत रूस शिखर वार्ता होगी । इसके बाद समझौतों का आदान प्रदान होगा। इसके बाद दोनों नेता प्रेस वक्तव्य देंगे।  शुक्रवार को ही पुतिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। पुतिन प्रतिभाशाली बच्चों के समूह से भी संवाद  करेंगे और भारत रूस व्यापार बैठक को संबोधित भी करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच व्यापार, निवेश, सम्पर्क, ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों से भी विचार विमर्श होगा ।

भारत और रुस के कूटनीतिक रिश्ते 70 साल से भी पुराने हैं। व्यापार और सांस्कृतिक सद्भाव के अलावा, दोनो देशों के सैन्य संबंध भी गहरे रहे हैं। भारतीय सेना के सभी अंगों की मारक क्षमता में रुसी अत्याधुनिक हथियारों की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। राष्ट्रपति पुतिन की इस यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण रक्षा सौदौं पर अंतिम फैसले की उम्मीद है। इनमें एस -400 मिसाईल सिस्टम, फ्रिगेट, कामोव 226 हेलीकाप्टर और एके 103 रायफल शामिल हैं।  जमीन से हवा में मार करने वाली 5 एस400 मिसाईल सिस्टम का सौदा बेहद महत्वपूर्ण है। साल 2016 में भारत और रूस के शीर्ष नेताओं ने इस वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। करीब 5 अरब डालर के इस सौदे से भारतीय सेना की मारक क्षमता और तीखी हो जायेगी।

एस-400′ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खासियत की बात करें तो  सतह से हवा में मार करने वाली दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है।  यह करीब 400 किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है। इस रक्षा प्रणाली से विमानों सहित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों और जमीनी लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जा सकता है।

रुस के साथ इस बड़े रक्षा समझौते से भारत ने अमेरिकी आपत्तियों को भी दरकिनार किया है। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के विरोधी देशों से किसी संवेदनशील और रक्षा सौदो की खरीद को रोकने के लिये काट्सा कानून पास किया है। इन देशों में ईरान, रुस और नार्थ कोरिया शामिल है। काट्सा के तहत प्रतिबंध खरीददार देश पर भी लागू होते हैं। हालांकि इस कानून में कुछ प्रावधान एसे भी है जिसके तहत अमेरिका अपने करीब देशों को किसी भी तरह के प्रतिबंध से छूट दे सकता है। भारत को अमेरिका से काट्सा से प्रतिबंध में छूट की उम्मीद है। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुछ समय पहले स्पष्ट किया था की भारत केवल संयुक्त राष्ट्र के द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों को ही मानता है। जानकारों का यह भी मानना है कि काट्सा का प्रतिबंध अमेरिका के हित में भी नही होगा । भारत और अमेरिका का व्यापार का स्तर करीब 100 अरब डालर का है । इसमे अनेक रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनिया और उत्पाद भी शामिल हैं । इस यात्रा के दौरान रुस से व्यापारिक संबंधों को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जा सकता है। भारत औऱ रुस दोनो अपने व्यापार को मौजूदा 10 अरब डालर से बढ़ाकर 2025 तक 30 अरब डालर तक ले जाने के इच्छुक हैं।

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