स्वदेश दर्शन अभियान के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ में पहले आदिवासी परिपथ का उद्घाटन कल

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पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन अभियान के तहत 5499.47 करोड़ रु. लागत की 74 परियोजनाओं को मंजूरी दी

केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. जे. अलफोंस 14 सितंबर 2018 को छत्तीसगढ़ के गंगरेल में ‘जशपुर-कुंकुरी-माइनपत-कमलेशपुर-महेशपुर-कुरदार-सरोदादादर-गंगरेल-कोंडागांव-नाथिया-नवागांव-जगदलपुर-चित्रकूट-तीर्थगढ़: आदिवासी परिपथ विकास परियोजना’ का उद्घाटन  करेंगे। यह स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश की दूसरी ऐसी परियोजना जिसका कि उद्घाटन हो रहा है।

पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी 2016 में 99.21 करोड़ रु. की लागत की इस परियोजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के दायरे में छत्तीसगढ़ के जशपुर, कुंकुरी, माइनपत, कमलेशपुर, महेशपुर, कुरदार, सरोदादादर, गंगरेल, कोंडागांव, नाथिया नवागांव, जगदलपुर, चित्रकूट और तीर्थगढ़ शहर आते हैं।

स्वदेश दर्शन पर्यटन मंत्रालय की सबसे अहम परियोजनाओं में से एक है जिसके तहत एक विषय पर आधारित पर्यटन परिपथों का एक योजनाबद्ध ढंग से विकास किया जाना है। इस योजना को 2014-15 में आरंभ किया गया था और अभी तक मंत्रालय ने 31 राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों में 5997.47 करोड़ रु. की लागत की 74 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। 30 से अधिक परियोजनाओं या इनके महत्वपूर्ण हिस्सों के इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है।

आदिवासियों एवं आदिवासी संस्कृति के विकास पर पर्यटन मंत्रालय का विशेष ध्यान है। मंत्रालय आदिवासी क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है और स्वदेश दर्शन योजना के तहत इन क्षेत्रों में पर्यटन के ढांचे का विकास कर रहा है। आदिवासी परिपथ विषय के तहत मंत्रालय ने नगालैण्ड, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में 381.47 करोड़ रु. की लागत से 4 योजनाओं को मंजूरी दी है।

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