प्राचीन काल से तुलसी की पूजा की जाती रही है। कई ग्रंथों में इसके औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। अधिकांश घरों में तुलसी का पौधा होता है। इसका अगर साइंटिफिक तरीकों पर विचार करें तो तुलसी रात के समय ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। लेकिन बाकी पौधे ऐसा नहीं करते हैं। आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया गया है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं।
तो आइए जानते हैं इसमें मौजूद खूबियों के बारे में जो कई रोगों से बचाता है…
तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल केवल पूजन सामग्री के तौर पर ही नहीं किया जाता। आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के पत्तों में कई सारे गुण पाए जाते है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते है।
1. तुलसी के पत्तों में एंटी ऑक्सीडेंट होते है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी कि इम्यून सिस्टम को मजजूब करते हैं।
2. यदि आपको सर्दी व फिर हल्का बुखार हो गया हो तो आप मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर काढ़ा बना ले और फिर इसे पी ले। आप चाहें तो इस घोल को सुखाकर इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं। इससे आपको सर्दी व हल्के बुखार में फायदा होगा।
3. तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करने से सांस की दुर्गंध को दूर करने में काफी हद तक फायदेमंद होते हैं। नेचुरल होने के कारण इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है। यदि आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें। इससे दुर्गंध चली जाती है।
4. यदि कहीं चोट लग जाती है तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव तुरंत ठीक हो जाता है। तुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व घाव को पकने नहीं देता है। इसके पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।
5.यदि आप दस्त की समस्या से बहुत परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का सेवन लाभकारी होता है। इसके पत्ते को जीरे के साथ मिलाकर पीस लिया जाता है और उसे दिन में 3 से 4 बार चाटना होता है। ऐसा करने से दस्त रुक जाती है।
6. तुलसी स्कीन संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद है. इसका इस्तेमाल करने से चेहरे पर कील-मुहांसे खत्म हो जाते हैं और चेहरा क्लीन हो जाता है।
7. कई रिसर्चों में यह पाया गया है कि तुलसी का बीज कैंसर के इलाज में कारगर होता है। हालांकि, इस बारे में अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।