नयी दिल्ली। ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, वेस्ट इंडीज के विस्फोटक ओपनिंग बल्लेबाज क्रिस गेल ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपने करियर के दौरान नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा और बताया क्रिकेट भी इससे दूर नहीं है। हालांकि गेल को यह कब सहना पड़ा, इसके बारे में डिटेल जानकारी उन्होंने नहीं दी। लेकिन संकेत दिया कि यह ग्लोबल टी-20 लीग के दौरान कभी हुआ था।
गेल ने भी याद किया नस्लभेदी टिप्पणी
क्रिस गेल ने कहा कि नस्लवाद सिर्फ फुटबॉल में ही नहीं है, यह क्रिकेट में भी है। टीमों के भीतर भी अश्वेत होने के कारण मैंने काफी कुछ झेला। अश्वेत और ताकतवर। अश्वेत और उस पर गर्व करने वाला।’ गेल ने यह बयान अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की अमेरिका में मौत के बाद दिया है। एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने उसकी गर्दन अपने घुटने से दबा दी थी जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद से अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन जारी है। पिछले साल इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर पर भी न्यूजीलैंड में एक दर्शक ने नस्लवादी टिप्पणी की थी । न्यूजीलैंड के शीर्ष खिलाड़ियों और क्रिकेट बोर्ड ने उसके लिये माफी मांगी थी।
पिछले साल आर्चर का सामने आया था मामला
क्रिकेट में जातिवाद पर पिछले साल सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया गया था जब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को न्यूजीलैंड में एक दर्शक ने गाली दी थी। न्यूजीलैंड के शीर्ष खिलाडिय़ों और क्रिकेट बोर्ड ने अंग्रेज को इस घटना के लिए माफी की पेशकश की थी। इसके अलावा सोमवार रात को, इंग्लैंड क्रिकेट टीम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने एक संदेश पोस्ट किया जिसमें नस्लवाद की निंदा की गई थी। पोस्ट में लिखा था, ‘हम विविधता के लिए खड़े हैं, हम नस्लवाद के खिलाफ खड़े हैं।’