पार्टी के लिए चंदा जुटाने में गड़बड़ियों के चलते आम आदमी पार्टी बड़ी मुश्किल में घिर गई है। चुनाव आयोग ने पार्टी को उसके पारदर्शिता दिशानिर्देशों का पालन करने में ”पहली नजर में नाकाम रहने पर” कार्रवाई के लिए चेताया। आम आदमी पार्टी के चुनावी फंडिंग ब्यौरे में गड़बड़ियों को लेकर आयोग ने पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इस मामले में आयकर विभाग की रिपोर्ट का हवाले देते हुए आयोग ने पार्टी से 20 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है तो साथ ही ये भी पूछा है कि क्यों ना चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधान 16 ए के तहत उसपर कार्रवाई की जाए। दरअसल नियम 16 ए चुनाव आयोग को किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल की मान्यता निलंबित करने या वापस लेने की अनुमति देता है। आप दिल्ली में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है। ये पूरा मामला साल 2014-15 में आप को मिले चंदे और दानकर्ताओं के बारे में है, जिसमें व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियों का पता चला है। आयोग ने इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि आप ने चुनाव आयोग को बताया था साल 2014-15 में उसको चंदे से करीब साढ़े सैंतीस करोड़ रुपए मिले थे । आयकर विभाग के सामने ये 54 करोड़ 15 लाख रुपए की आय की घोषणा पार्टी ने की । आयकर विभाग की जांच में पता चला कि पार्टी को दरअसल 67 करोड़ 67 लाख रुपए का चंदा मिला, जिसमें से 13 करोड़ रुपए की बात आप ने इनकम टैक्स विभाग को दिए ब्यौरे में छिपाई थी । विभाग के मुताबिक ये दानकर्ता अज्ञात थे । रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि पार्टी के खाते में करीब 2 करोड़ रुपए हवाला ऑपरेटरों के जरिए आए । पार्टी ने चंदे के बारे में चुनाव आयोग और आयकर विभाग को अलग- अलग जानकारी भेजी तो अपनी वेबसाइट पर कुछ और ही जानकारी दी