जम्मू कश्मीर में शहरी निकाय चुनावों में देखने को मिला लोकतंत्र के लिए लोगों का जबर्दस्त समर्थन। पहले दौर के चुनाव में हुआ भारी मतदान। चार चरणों में होने वाले चुनाव की मतगणना 20 अक्टूबर को।
जम्मू कश्मीर में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव के पहले चरण में राज्य के तीनों डिविजनों के 422 वार्डों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। इस चरण में जम्मू, कश्मीर और लद्दाख डिविजन में वोट डाले गए। जम्मू कश्मीर में 13 साल के बाद हुए 4 चरणो के स्थानीय निकाय के चुनावों में राज्य़ की जनता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। जम्मू में 63.8 – फीसदी , राजौरी में सबसे अधिक 81 – फीसदी और पुंछ में 73.1 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। लद्दाख क्षेत्र के दोनों जिलों में भी भारी मतदान देखने को मिला।
जम्मू कश्मीर में 13 साल बाद हो रहे स्थानीय निकायों के चुनावों में लोगों का ये उत्साह बता रहा है कि राज्य के लोगों की लोकतंत्र में प्रतिबद्धता कितनी मजबूत है । जम्मू कश्मीर के तीनों हिस्सों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में लोगों ने आतंकी धमकियों की परवाह किए बगैर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया । राज्य के 11 जिलों के स्थानीय निकायों में शाम 4 बजे तक कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले गए और किसी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं है ।
सबसे पहले बात जम्मू क्षेत्र की करें तो जम्मू के तीन जिलों जम्मू राजौरी और पुंछ में लोगों ने भारी मतदान किया । शाम चार बजे जब मतदान खत्म हुआ तो जम्मू में 63.8 – फीसदी , राजौरी में 81 – फीसदी और पुंछ में 73.1 फीसदी मतदान हुआ । तीनों जिलों में लोग बड़ी तादात में निकले और अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए खुलकर मतदान किया । बात कश्मीर की करें तो कश्मीर के छह जिलों कुपवाडा , बांदीपोरा , बडगाम , अनंतनाग बारामूला और श्रीनगर में मतदान हुआ । आतंकवादी धमकियों के बावजूद भी लोगों ने अच्छी संख्या में वोट डाले । वहीं लद्दाख क्षेत्र के दोनों जिलों में भी भारी मतदान देखने को मिला । लेह और करगिल दोनों जिलों में लोगों में उत्साह रहा । लेह में 55 फीसदी तो करगिल में 78.2 फीसदी मतदान हुआ । तमाम राजनीतिक दलों ने मतदान को राज्य में लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बताया है ।
जम्मू-कश्मीर में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव 8-16 अक्टूबर तक चार चरणों में होने हैं। कुल 17 लाख मतदाता है जो 3372 उम्मीदवारों की किस्मत तय कर रहे हैं । राज्य में कुल 1145 वार्डों के लिए चुनाव हो रहा है । पहले चरण में 1,204 उम्मीदवार मैदान में हैं इनमें से 78 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं । शहरी निकाय चुनावों का ऐलान पिछले महीने किया गया था इससे पहले राज्य में 2005 में निकाय चुनाव हुए थे। चुनाव के एलान के बाद दो प्रमुख पार्टियों–नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी — ने चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया है । आतंकवादियों ने चुनाव में हिस्सा लेने वालों को धमकी दी है लेकिन राज्य के लोगों ने साबित कर दिया है कि वो किसी भी धमकी के आगे झुकने वाले नहीं है ।