अगर आप इन नौ हैंड सैनिटाइजर का करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान

नयी दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। ऐसे समय में सबसे अधिक एहतियात बरतने के जरूरत होती है। इस समय खुद को बचाने के लिए फेस मास्क पहनने, भीड़ में जाने से बचने, श्वसन स्वच्छता का अभ्यास करने और हाथों को साफ रखने की आवश्यकता होती है। जब हम दूषित हाथों से अपना चेहरा छूते हैं तो वायरस आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है. इसलिए हर समय अपने हाथों को साफ रखने की जरूरत होती है। अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए।

लेकिन कभी-कभी जब आप ऐसी स्थिति में होते हैं, जहां आपके पास पानी और साबुन की व्यवस्था नहीं है। तब ऐसे समय में आप अपने हाथों को सेनिटाइजर से साफ कर सकते हैं। लेकिन सभी सैनिटाइजर आपके लिए अच्छे नहीं हो सकते हैं। FDA ने 9 हैंड सैनिटाइजरों की पहचान की है जो आपके लिए विषाक्त हो सकते हैं। इनमें से कुछ को पहले FDA द्वारा अनुमोदित किया गया था। इन सभी 9 उत्पादों को मैक्सिको में बनाया गया है और इनमें मेथनॉल के उच्च स्तर हैं, जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इन उत्पादों का उपयोग करने से बचें।

तो आइए हम आपको इन हैंड सेनिटाइजर के बारे में बताते हैं। इन नौ सैनिटाइजर में है मेथनॉल की मात्रा अधिक

ऑल-क्लीन हैंड सैनिटाइजर

Esk बायोकेम हैंड सैनिटाइजर

क्लीनक्लीयर नो जर्म एडवांस हैंड सैनिटाइजर 75% अल्कोहल

लवर 70 जेल हैंड सैनिटाइजर

द गुड जेल एंटीवैक्ट्रलियल जोल हैंड सैनिटाइजर

क्लीनक्लीयर नो जर्म एडवांस हैंड सैनिटाइजर 75% अल्कोहल

क्लीनक्लीयर नो जर्म एडवांस हैंड सैनिटाइजर 80% अल्कोहल ( Lot No- 74589-005-03)

क्लीनक्लीयर नो जर्म एडवांस हैंड सैनिटाइजर 80% अल्कोहल (Lot No- 74589-003-01)

Saniderm एडवांस हैंड सैनिटाइजर

सैनिटाइजर खरीदते वक्त लेबल को जरूर पढ़ें

कोरोना से बचने से के लिए अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र की आवश्यकता होती है. इस समय टेस्टेड और विश्वसनीय ब्रांडों का सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना सही माना जाता है। कोरोना महामारी के बाद जितने भी सैनिटाइजर के ब्रांड बाजार में उपलब्ध हैं, वे सुरक्षा के दृष्टिकोण के हिसाब से सही नहीं हो सकते हैं। हमेशा सैनिटाइजर खरीदते समय लेबल का ध्यान रखना चाहिए। एथिल अल्कोहल सबसे सुरक्षित है। सीडीसी दिशानिर्देशों के अनुसार कम से कम 60 प्रतिशत इथेनॉल और 70 प्रतिशत आइसोप्रोपेनोल सुरक्षित माना जाता है। लेकिन एफडीए का कहना है कि हैंड सैनिटाइजर में मात्रा के हिसाब से कम से कम 94.9 प्रतिशत इथेनॉल होना चाहिए।

सही हैंड सैनिटाइजर का करें चुनाव

अधिकांश अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर एक्सपाइरी डेट के साथ आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समय के साथ अल्कोहल का वाष्पीकरण होता है और ऐसा होने पर उसे हाथ पर लगाने से कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसा कोई भी सैनिटाइजर चुनें जिसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल दोनों तरह के गुण हों और इनमें 60 से 70 प्रतिशत अल्कोहल होना चाहिए। एक बार जब आप अपना सैनिटाइज़र खरीदते हैं, तो इसे गर्मी से दूर एक ठंडी जगह पर रखें।

मेथनॉल टॉक्सिसिटी के लक्षण

मेथनॉल टॉक्सिसिटी जी मिचलाना, चक्कर आना, चेतना की हानि, थकान एवं कमजोरी का होना और धुंधली दृष्टि का कारण बन सकती है। अगर इसका इस्तेमाल किया जाए तो व्यक्ति इससे अंधापन और उसकी जान भी जा सकती है। यह आपकी त्वचा को शुष्क बना सकता है और जिल्द की सूजन का कारण बन सकता है। चाहे आप अपनी त्वचा के माध्यम से मेथनॉल को अवशोषित करते हैं या सांस के जरिए लेते हैं, खतरा समान हैं। यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से हानिकारक है। इसके अलावा इसका एक और खतरा यह है कि इस बहुत जल्दी आग पकड़ सकता है क्योंकि यह बहुत ज्वलनशील है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण को महसूस करते हैं और संदेह करते हैं कि यह आपके हैंड सैनिटाइजर के कारण है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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