आयुष विभाग का दावा इन 7 चीजों से बने खास आयुर्वेदिक काढ़े से कोरोना को रोकने में मिलेगी सफलता

कोरोना वायरस की औषधी पूरी दुनिया तेजी से ढूंढने का प्रयास कर रही है क्योंकि ये वायरस दुनियाभर में लाखों लोगों की जानें ले चुका है। सभी चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस वायरस की दवा या वैक्सीन बने या इससे बचाव का कोई ठोस रास्ता निकले, ताकि दुनिया पहले जैसी सामान्य हो सके। इस संबंध में एलोपैथी से अभी कोई अच्छी खबर नहीं आई है, जबकि 100 से ज्यादा वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। लेकिन हम आपको बता दें कि आयुर्वेद से एक अच्छी खबर सामने आ रही है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के आयुष विभाग के एक दावे ने चौंका दिया है। विभाग के अनुसार उनके द्वारा बनाए गए आयुर्वेदिक काढ़े को पीने से कोरोना वायरस को मात देने में सफलता मिली है। मध्य प्रदेश का आयुष विभाग 24 जिलों के 98 अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर्स में मौजूद लोगों के ये काढ़ा ट्रायल के तौर पर दे रहा था।

90 लोग संक्रमितों के संपर्क में आने के बाद भी निगेटिव

एक रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। मई महीने में यहां 98 लोगों को क्वारंटाइन किया गया था। ये सभी लोग संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे, इसलिए एहतियात के तौर पर इन्हें तुरंत क्वारंटाइन किया गया। इन 98 में से 8 लोगों की कोरोना वायरस टेस्ट की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया और बाकी के 90 लोगों को एक खास आयुर्वेदिक काढ़ा दिया गया, जिसे मध्यप्रदेश आयुष विभाग के एक्सपर्ट्स द्वारा बनाया गया था। विभाग ने दावा किया है कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बाद भी इन 90 लोगों में से एक भी पॉजिटिव नहीं पाया गया है।

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इन 7 चीजों से मिलकर बना है ये काढ़ा

जानकारी के मुताबिक इस खास आयुर्वेदिक काढ़े को बनाने में आयुष विभाग ने आयुर्वेद की 7 गुणकारी औषधियों का प्रयोग किया है। ये 7 चीजें इस प्रकार हैं-

मुलेठी, गिलोय, हरीतिका, मरिच, पिप्पली, शुण्ठी और कालमेघ

ट्रायल के दौरान इन 7 चीजों को 200 ग्राम पानी में उबालकर लोगों को रोज सुबह शाम 10 दिन तक दिया गया। हालांकि कौन औषधि किस मात्रा में डाली गई है, इसका विवरण अभी नहीं बताया गया है।

आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है ये काढ़ा

मध्यप्रदेश आयुष विभाग के अधिकारी डॉ. सुनील कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इस काढ़े को पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आयुर्वेद पर विश्वास जता चुके हैं। उन्होंने लॉकडाउन के बीच कई बार देश को संबोधित करते हुए ये कहा है कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद के महत्व को समझाने का यही सही समय है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय भी अपनी गाइडलाइन्स में ये बात कह चुका है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए आयुष मंत्रालय के द्वारा बताए गए आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन जरूर करें।

हजार से ज्यादा लोग रोजाना पी रहे हैं ये काढ़ा

भोपाल स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. उमेश शुक्ला के अनुसार अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर्स में मौजूद 970 लोग रोज इस आयुर्वेदिक काढ़े को पी रहे हैं। इसी तरह अलग-अलग अस्पतालों में काम कर रहे लगभग 200 स्वास्थ्य कर्मी भी इस आयुर्वेदिक काढ़े को पी रहे हैं। आयुष विभाग ने लिखित सहमति के बाद इन स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रायल के तौर पर ये काढ़ा देना शुरू किया था। रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ मरीज ऐसे भी सामने आए हैं, जो पहले पॉजिटिव थे और 10 दिन तक ये काढ़ा पीने के बाद निगेटिव हो गए।

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