डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए मोदी सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए आम लोगों के बैंक खाते में भेजे
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी मोदी सरकार का डीबीटी अभियान रोजाना कामयाबी की नई मिसाल गढ़ रहा है। यानी सब्सिडी का पैसा सीधे आम जनता के बैंक खाते में ट्रांसफर करने की कोशिशों का जोरदार असर दिख रहा है। मोदी सरकार ने डीबीटी स्कीम यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए साल 2014 से अबतक 5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि आम लोगों के खातों में भेजी है। डीबीटी मिशन के सरकारी पोर्टल के मुताबिक और ताज़ा आंकड़ों के लिहाज़ से अबतक 5,07,155 करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए लोगों के बैंक खातों में डाले गए है।
डीबीटी को लेकर आए इस साल के आंकड़ें भी सरकार का उत्साह बढ़ाने वाले हैं। अकेले इस साल यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 में ही अबतक एक लाख पैंतीस हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि आम लोगों के खातों में पहुंची है। इतना ही नहीं इन पेमेंट्स के लिए 116 करोड़ से ज्यादा ट्रांसेक्शन भी हुए हैं।
डीबीटी के आंकड़ों पर गौर करने से ये बात भी पता चलती है कि इस साल डीबीटी के जरिए सबसे ज्यादा 27,417 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), करीब 22,916 करोड़ रुपए पहल योजना, मनरेगा के लिए 16,349 करोड़ रुपए से कुछ ज्यादा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए 7378 करोड़ रुपए, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए 3953 करोड़ रुपए और स्कॉलरशिप स्कीमों के लिए 3033 करोड़ रुपए सीधे बैंक खातों में भेजे गए हैं। इसके अलावा 54, 906 करोड़ रुपए बाकि अन्य योजनाओं के जरिए लोगों के खाते में सरकार ने भेजी हैं।
फिलहाल 54 मंत्रालयों की 434 योजनाएं डीबीटी के दायरे में है। डीबीटी और सब्सिडी का पैसा गलत हाथों में जाने से रुकने से सरकार को मार्च 2018 तक 90 हज़ार करोड़ रुपए की बचत हुई है तो सरकार की योजनाओं से बिचौलियों को दूर करने में भी मदद मिली है।