प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में देश में आयोजित होने वाले अब तक के सबसे बड़े वैश्विक टेक्सटाइल कार्यक्रमों में से एक, भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
अपने स्वागत भाषण में, केंद्रीय कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ग्लोबल टेक्सटाइल एक्सपो देश में पहली बार आयोजित किया गया। यह सबसे बड़ा एकीकृत कपड़ा कार्यक्रम है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फाइव-एफ के दृष्टिकोण – फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से विदेशी बाजारों तक, संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला को कवर करना – की परिकल्पना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है और तीन-एस – कौशल, गति और पैमाने पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है। पीयूष गोयल ने कहा कि मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाएं भारत को 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात के साथ-साथ 250 अरब डॉलर के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम बनाएंगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि एक्सपो वैश्विक मंच पर कपड़ा उद्योग की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को एक साथ रखने और प्रदर्शित करने में सक्षम है और यह वैश्विक कपड़ा महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करेगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत को एक आकर्षक निवेश और सोर्सिंग गंतव्य के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने अपने ‘लोकल के लिए वोकल’ मंत्र के माध्यम से न केवल देश को स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने के लिए एकजुट करने के लिए, बल्कि उन्हें ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ पहल करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ने अपनी विभिन्न पहलों – पीएम मित्र, उत्पादन-युक्त प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, समर्थ (कपड़ा क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए योजना) और राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन के माध्यम से कपड़ा उद्योग को भारी प्रोत्साहन प्रदान किया है। उन्होंने आगे कहा कि कपड़ा मंत्रालय ने कपास और मानव निर्मित फाइबर उद्योग के लिए एंड-टू-एंड कनेक्टिविटी बनाने के लिए एक नया कपड़ा सलाहकार समूह बनाया है, जो कपड़ा क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने और बेहतर तालमेल बनाने में मदद करेगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि लाखों भारतीय बहुपक्षीय गरीबी से बच गए हैं और ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में खपत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज कपड़ा उद्योग आकांक्षी युवा भारत के बदलते उपभोग पैटर्न से लाभ उठा सकता है, जिसने खाद्य महंगाई को नियंत्रण में रखने के सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण अन्य उत्पादों पर खर्च करने को प्राथमिकता दी है।
इस अवसर पर केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश और कपड़ा सचिव रचना शाह भी उपस्थित थीं।