विश्व व्यापार संगठन की 30वीं वर्षगांठ पर आज अबूधाबी में 13वीं मंत्री स्तरीय बैठक हुई। बैठक के पहले दिन भारत के सहयोग से कोमोरास और तिमोर-लेस्ते भी विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुए। सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन के भविष्य को लेकर चर्चा हुई, जिसमें मुख्यत: सतत विकास और औद्योगिकीकरण के लिए नीतिगत मामलों पर जोर दिया गया।
भारत ने बहुमुखी व्यापार व्यवस्था को गुटों में नहीं बांटने की सलाह दी, ताकि विश्व व्यापार संगठन व्यापारिक विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सके। भारत ने गैर व्यापारिक विषयों से विश्व व्यापार संगठन के नियमों को प्रभावित नहीं होने देने की वकालत की है। वहीं भारत ने विश्व व्यापार संगठन के समझौतों में लचीलेपन पर बल दिया है, जिससे विकासशील देशों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सके और नए व्यापारिक समझौतों तथा औद्योगिक नीतियों में भी विकासशील देशों के हितों का ध्यान रखा जा सके।
भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। भारत ने अपनी विभिन्न योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें बुनियादी डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से लघु और मध्यम उद्यमों का विकास, महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने और बहुध्रुवीय विश्व व्यापार व्यवस्था के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया गया है।