विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन अब भी आरंभिक चरण में है, लेकिन सरकार इसकी प्रगति को लेकर गंभीर है। आज नई दिल्ली में वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के उद्घाटन संबोधन में डॉ. जयशंकर ने कहा कि बैठक में उत्तरदायी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर गंभीर विचार-विमर्श होगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को लेकर सबसे बड़ी चुनौती केवल इसे प्रतिस्पर्धी बनाना नहीं, बल्कि पूरी जिम्मेदारी के साथ प्रतिस्पर्धी बनाने के उपाय तलाशना है।
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी भारत की विदेश नीति में अग्रणी स्थान पर है। जी-20 की भारत की अध्यक्षता के बारे में उन्होंने कहा कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किए जाने के कारण याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली शिखर सम्मेलन ने पूरे विश्व का ध्यान सतत विकास लक्ष्यों से पिछड़ने की ओर खींचा। अफ्रीका को इस प्रतिष्ठित समूह में शामिल कर विश्व व्यवस्था को नया स्वरूप देने के महत्वपूर्ण कदम के लिए भी जी-20 दिल्ली शिखर सम्मेलन को याद किया जाएगा।