वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पूरे एनसीआर में जीआरएपी के चरण-I को तत्काल प्रभाव से रद्द किया

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पूरे एनसीआर में जीआरएपी के चरण-I को तत्काल प्रभाव से रद्द किया

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दिन का 85 रहा। दिल्ली के समग्र एक्यूआई में उल्लेखनीय और निरंतर सुधार के मद्देनजर और आईआईटीएम/आईएमडी द्वारा मौसम संबंधी/मौसम पूर्वानुमानों पर विचार करते हुए, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर उप-समिति ने आज क्षेत्र में वर्तमान वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा करने और तदनुसार 07.03.2025 से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जीआरएपी के चरण-I के तहत कार्रवाई पर उचित निर्णय लेने के लिए बैठक की। दिल्ली- एनसीआर और अन्य पहलुओं के समग्र वायु गुणवत्ता मापदंडों की व्यापक समीक्षा करते हुए, उप-समिति ने निम्नानुसार अवलोकन किया:

अनुकूल हवाओं, हल्की बारिश/बूंदाबांदी और दिल्ली-एनसीआर में बेहतर मौसमी स्थितियों के कारण दिल्ली के एक्यूआई में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 15.03.2025 को दिल्ली का एक्यूआई 85 (‘संतोषजनक’ श्रेणी में) दर्ज किया गया है। इसके अलावा, आईआईटीएम/आईएमडी के पूर्वानुमान में भी आने वाले दिनों में एक्यूआई के मुख्य रूप से ‘संतोषजनक’ से ‘मध्यम’ श्रेणी में रहने की भविष्यवाणी की गई है।
इसलिए, दिल्ली के समग्र एक्यूआई में सुधार की इस प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए और आईआईटीएम/आईएमडी द्वारा आने वाले दिनों में दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ से ‘मध्यम’ श्रेणी में रहने का संकेत देने वाले पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए (जिसके लिए पूर्वानुमान उपलब्ध है), जीआरएपी पर सीएक्यूएम उप-समिति ने सर्वसम्मति से पूरे एनसीआर में जीआरएपी की मौजूदा अनुसूची के चरण-I को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया।

एनसीआर में वर्तमान में अनुभव किए जा रहे बेहतर एक्यूआई स्तरों को बनाए रखने और वायु गुणवत्ता को ‘खराब’ श्रेणी में जाने से रोकने के लिए संबंधित राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी की सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आयोग द्वारा जारी सभी वैधानिक निर्देशों, परामर्शों, आदेशों आदि का ईमानदारी से पालन और क्रियान्वयन किया जाए। इसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एमओईएफ एंड सीसी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और संबंधित राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों/ डीपीसीसी द्वारा जारी नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों का अनुपालन भी शामिल है, जिससे सभी संबंधित क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी बनाया जा सके।

इस संदर्भ में, सभी संबंधित एजेंसियों को एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आयोग द्वारा जारी व्यापक नीति में परिकल्पित विभिन्न कार्यों और लक्षित समयसीमाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है और तदनुसार क्षेत्र में उचित कार्रवाई करनी है, विशेष रूप से सीएंडडी गतिविधियों और सड़कों/खुले क्षेत्रों के लिए धूल शमन उपाय, जो आने वाले महीनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को निर्धारित करने वाला एक प्रमुख कारक बन जाएगा ।

उप-समिति वायु गुणवत्ता परिदृश्य पर कड़ी नजर रखेगी तथा दिल्ली में वायु गुणवत्ता और आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा किए गए पूर्वानुमान के आधार पर आगे उचित निर्णय के लिए समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेगी।

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