प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के औरंगाबाद में 21,400 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। आज की विकास परियोजनाओं में सड़क, रेलवे और नमामि गंगे सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री ने 18,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें एनएच-227 का 63.4 किलोमीटर लंबा दो लेन वाला जयनगर-नरहिया खंड; एनएच-131जी पर कन्हौली से रामनगर तक छह लेन की पटना रिंग रोड का खंड; किशनगंज शहर में मौजूदा फ्लाईओवर के समानांतर 3.2 किलोमीटर लंबा दूसरा फ्लाईओवर; 47 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर-रजौली को चार लेन का बनाना और एनएच-319 के 55 किलोमीटर लंबे आरा-पररिया खंड को चार लेन का बनाना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें आमस से शिवरामपुर ग्राम तक 55 किलोमीटर लंबे चार-लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण; शिवरामपुर से रामनगर तक 54 किलोमीटर लंबा चार-लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; कल्याणपुर ग्राम से बलभदरपुर ग्राम तक 47 किलोमीटर लंबा चार लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; बलभदरपुर से बेला नवादा तक 42 किलोमीटर लंबा चार लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; दानापुर-बिहटा खंड से 25 किलोमीटर लंबा चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर और बिहटा-कोइलवर खंड के मौजूदा दो लेन से चार लेन कैरिजवे का उन्नयन शामिल है। इन सड़क परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यात्रा का समय कम होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने गंगा नदी पर छह लेन पुल की आधारशिला भी रखी, जिसे पटना रिंग रोड के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पुल देश के सबसे लंबे नदी पुलों में से एक होगा। इस परियोजना से पटना शहर में यातायात की भीड़ कम होगी और बिहार के उत्तरी तथा दक्षिणी हिस्सों के बीच तेज और बेहतर कनेक्टिविटी होगी, जिससे पूरे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने बिहार में नमामि गंगे योजना के तहत लगभग 2,190 करोड़ रुपये की लागत से विकसित बारह परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सैदपुर और पहाड़ी में सीवेज उपचार संयंत्र; सैदपुर, बेउर, पहाड़ी जोन आईवीए के लिए सीवरेज नेटवर्क; करमालीचक में सीवर नेटवर्क के साथ सीवरेज प्रणाली; पहाड़ी जोन V में सीवरेज योजना और बाढ़, छपरा, नौगछिया, सुल्तानगंज तथा सोनपुर शहर में अवरोधन, डायवर्जन और सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं। ये परियोजनाएं कई स्थानों पर गंगा नदी में छोड़े जाने से पहले अपशिष्ट जल का उपचार सुनिश्चित करती हैं, जिससे नदी की स्वच्छता को बढ़ावा मिलता है और क्षेत्र के लोगों को लाभ होता है।
प्रधानमंत्री ने पटना में यूनिटी मॉल की आधारशिला रखी। 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले इस मॉल की कल्पना एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में की गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय डिजाइन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मॉल को आरामदायक और सौंदर्य से परिपूर्ण किया जाएगा। इस मॉल में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और बिहार के जिलों के लिए समर्पित स्थान प्रदान किया जाएगा, जहां वे अपने अद्वितीय उत्पादों और शिल्प कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे। इस मॉल में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 36 बड़े स्टॉल और बिहार के प्रत्येक जिले के लिए 38 छोटे स्टॉल होंगे। यह यूनिटी मॉल स्थानीय विनिर्माण और एक जिला एक उत्पाद, भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों और बिहार सहित पूरे भारत के हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस परियोजना से रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और राज्य से निर्यात के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने बिहार में तीन रेलवे परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें पाटलिपुत्र से पहलेजा रेलवे लाइन का दोहरीकरण; बंधुआ-पैमार के बीच 26 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का विकास और गया में एक मेमू शेड का निर्माल शामिल है। प्रधानमंत्री ने आरा बाईपास रेल लाइन का भी शिलान्यास किया। इन रेल परियोजनाओं से बेहतर रेल कनेक्टिविटी होगी, लाइन क्षमता और ट्रेनों की गतिशीलता में सुधार होगा और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।