प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में विकसित भारत विकसित जम्मू-कश्मीर कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने लगभग 5000 करोड़ रुपये के समग्र कृषि विकास कार्यक्रम को राष्ट्र को समर्पित किया और स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना के तहत 1400 करोड़ रुपये से अधिक की पर्यटन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिसमें श्रीनगर के ‘हजरतबल तीर्थ के एकीकृत विकास’ की परियोजना भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने ‘देखो अपना देश पीपल्स चॉइस टूरिस्ट डेस्टिनेशन पोल’ और ‘चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा अभियान’ भी लॉन्च किया। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी) योजना के तहत चयनित पर्यटन स्थलों की घोषणा की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लगभग 1000 नए सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति आदेश वितरित किए और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी की, जिनमें उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाएं, लखपति दीदियां, किसान, उद्यमी आदि शामिल हैं।
पुलवामा के एक मधुमक्खी पालक नाजिम नजीर ने सरकार से लाभ प्राप्त करके अपने व्यवसाय का विस्तार करने के बारे में प्रधानमंत्री को अपनी यात्रा के बारे में बताया, जहां उन्होंने 50 प्रतिशत सब्सिडी पर मधुमक्खी पालन के लिए 25 बक्से खरीदे। उन्होंने अपनी पूरी यात्रा के दौरान आर्थिक वृद्धि पर भी प्रकाश डाला, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 5 लाख रुपये का लाभ उठाकर धीरे-धीरे मधुमक्खी पालन के लिए 200 बक्से तक विस्तार किया। इसके चलते श्री नजीर ने अपने लिए एक ब्रांड बनाया और एक वेबसाइट बनाई, जिसने पूरे देश में लगभग 5000 किलोग्राम के हजारों ऑर्डर उत्पन्न किए, जिससे उनका व्यवसाय लगभग 2000 मधुमक्खी पालन बक्सों तक बढ़ गया और क्षेत्र के लगभग 100 युवाओं को इसमें शामिल किया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री को 2023 में एक एफपीओ प्राप्त करने के बारे में भी बताया, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने डिजिटल इंडिया पहल शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिसने देश में फिनटेक परिदृश्य को बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में एक मीठी क्रांति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए श्री नाजिम के प्रयास की सराहना की और उनकी सफलता पर उन्हें बधाई दी। व्यवसाय स्थापित करने के लिए सरकार से प्रारंभिक समर्थन प्राप्त करने के बारे में प्रधानमंत्री की पूछताछ पर, श्री नजीर ने कहा कि भले ही उन्हें शुरुआती कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, कृषि विभाग आगे आया और उनके उद्देश्य का समर्थन किया। यह देखते हुए कि मधुमक्खी पालन का व्यवसाय एक बिल्कुल नया क्षेत्र है, प्रधानमंत्री ने इसके लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मधुमक्खियां एक तरह से खेत मजदूरों की तरह काम करती हैं, जो इसे फसलों के लिए फायदेमंद बनाती हैं। श्री नाजिम ने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए जमीन मालिक मुफ्त में जमीन देने को तैयार हैं, क्योंकि यह प्रक्रिया किसानों के लिए भी फायदेमंद है। प्रधानमंत्री ने श्री नाजिम को हिंदू कुश पहाड़ों के आसपास मध्य एशिया में उत्पादित शहद पर अनुसंधान करने का सुझाव दिया और उनसे बक्सों के चारों ओर विशिष्ट फूल उगाकर शहद का एक नया स्वाद तैयार करने पर भी विचार करने को कहा, क्योंकि यह एक विशिष्ट बाजार है। उन्होंने उत्तराखंड में भी ऐसे ही सफल प्रयासों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर में अत्यधिक मांग के कारण बबूल शहद की कीमत 400 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1000 रुपये प्रति किलोग्राम होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने अवधारणा और विजन की स्पष्टता और अपने व्यवसाय को चलाने में श्री नाजिम द्वारा दिखाए गए साहस की सराहना की और उनके माता-पिता को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्री नाजिम भारत के युवाओं को दिशा भी दे रहे हैं और प्रेरणास्रोत भी बन रहे हैं।
श्रीनगर की एहतेशाम माजिद भट्ट एक बेकरी उद्यमी हैं जो खाद्य प्रौद्योगिकी कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से बेकरी में नया इनोवेशन लेकर आई हैं। उन्हें महिला कौशल विकास के लिए सरकारी पॉलिटेक्निक के इनक्यूबेशन केंद्र से सहायता प्राप्त हुई थी। सरकार की सिंगल विंडो की प्रणाली ने उनकी और उनकी टीम की विभिन्न विभागों से एनओसी प्राप्त करने में सहायता की। प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार करोड़ों युवाओं को उनके स्टार्टअप से जुड़े सपनों को साकार बनाने में सहायता उपलब्ध कराती रही है। प्रधानमंत्री ने उनकी उद्यमशीलता उद्यमों में विभिन्न जिलों के अपने मित्रों को शामिल करने के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारा प्रयास है कि हमारे युवाओं के विचार संसाधनों और वित्त की कमी से प्रभावित न हों। उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जम्मू एवं कश्मीर की ये बेटियां पूरे देश के युवाओं के लिए नई प्रेरणादायी मिसालें कायम कर रही हैं।‘‘ प्रधानमंत्री मोदी ने वंचित वर्गों की इन बेटियों की देखभाल करने के लिए उनकी सराहना की।
गांदरबल की हमीदा बानो डेयरी व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से लाभ प्राप्त हुआ और उन्होंने दुग्ध उत्पादों के लिए एक प्रसंस्करण इकाई खोली। उन्होंने दूसरी महिलाओं को भी काम के लिए इसमें शामिल किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण, पैकेजिंग और विपणन के बारे में भी बताया। उनके दुग्ध उत्पाद परिरक्षकों से रहित हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने इस संवेदनशील उत्पाद के विपणन के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने उनकी व्यवसायिक कुशलता और पोषण के काम को आगे बढ़ाने को लेकर उनकी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गुणवत्ता का ध्यान रखने और पर्यावरण अनुकूल तरीके से अपना व्यवसाय करने के लिए उनकी सराहना की।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती के स्वर्ग पर पहुंचने की अनुभूति को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘प्रकृति, वायु, घाटी, पर्यावरण और कश्मीर के भाईयों तथा बहनों के प्यार और स्नेह का यह अद्वितीय रूप है।‘‘ उन्होंने कार्यक्रम स्थल के बाहर उपस्थित नागरिकों और वीडियो लिंक के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े 285 ब्लौकों के 1 लाख से अधिक लोगों का भी अभिवादन किया। यह रेखांकित करते हुए कि नया जम्मू और कश्मीर वह है जिसकी दशकों से प्रतीक्षा की जा रही थी, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने इसी जम्मू और कश्मीर के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए जम्मू और कश्मीर की आंखों में भविय की चमक है और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने का संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘140 करोड़ नागरिक शांति महसूस करते हैं जब वे जम्मू और कश्मीर के लोगों के मुस्कराते हुए चेहरे देखते हैं।‘‘
जम्मू और कश्मीर के लोगों के स्नेह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी स्नेह के इस ऋण को चुकाने में कोई कोरो कसर नहीं छोडेगा। मैं यह सारी मेहनत आपका दिल जीतने के लिए कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि मैं सही रास्ते पर हूं। मैं आपका दिल जीतने की अपनी कोशिशें जारी रखूंगा। यह मोदी की गारंटी है और आप सभी जानते हैं कि मोदी की गारंटी का अर्थ है गारंटी के पूरे होने की गारंटी। ‘‘
जम्मू की अपनी हाल की यात्रा का स्मरण करते हुए, जहां उन्होंने 32,000 हजार करोड़ रुपये के बराबर की बुनियादी ढांचे और शिक्षा की परियोजनाओं की शुरुआत की, प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन और विकास तथा कृषि से जुड़ी आज की परियोजनाओं के साथ साथ नियुक्ति पत्रों का भी उल्लेख किया जिसका उन्होंने आज वितरण किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ विकास की शक्ति, पर्यटन की संभावना, किसानों की क्षमताएं और जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं का नेतृत्व विकसित जम्मू एवं कश्मीर के लिए रास्ता प्रशस्त करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर केवल एक स्थान नहीं है, जम्मू एवं कश्मीर भारत का मस्तक है। और ऊंचा मस्तक विकास और सम्मान का प्रतीक है। इसलिए, विकसित जम्मू एवं कश्मीर विकसित भारत की प्राथमिकता है।‘‘
प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब देश में लागू कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किए जाते थे और गरीबों के कल्याण के लिए उन योजनाओं का उल्लेख किया जिनका लाभ वंचितों को नहीं मिल पाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने भाग्य के बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूरे देश के लिए योजनाएं आज श्रीनगर से शुरू की गई हैं और जम्मू-कश्मीर देश में पर्यटन का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए, भारत में 50 से अधिक स्थानों से लोग इस अवसर पर सम्मिलित हुए हैं। उन्होंने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत आज राष्ट्र को समर्पित की जा रही छह परियोजनाओं के साथ-साथ इसके अगले चरण की शुरुआत के बारे में भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि श्रीनगर सहित देश के विभिन्न शहरों के लिए लगभग 30 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जबकि 3 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है और 14 अन्य को प्रसाद योजना के अंतर्गत शुरू किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों की सुविधा के लिए पवित्र हजरतबल दरगाह में किए जा रहे विकास कार्य भी पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने ‘देखो अपना देश लोगों की पसंद’ अभियान के बारे में जानकारी दी, जहां सरकार द्वारा अगले 2 वर्षों में पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए 40 स्थानों की पहचान की गई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अभियान के अंतर्गत, सरकार जनता की राय के आधार पर सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों का विकास करेगी। उन्होंने अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को भारत आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘चलो इंडिया’ अभियान का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज के विकास कार्यों के लिए जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को विकसित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में सहायतामिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब इरादे नेक हों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का दृढ़ संकल्प हो, तो परिणाम मिलना तय है।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने पर्यटन में परिवर्तनकारी विकास के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा, “एक समय था जब लोग सवाल करते थे कि पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा कौन करेगा। आज, जम्मू-कश्मीर, पर्यटन के सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है।” उन्होंने आगे बताया, “केवल वर्ष 2023 में, जम्मू-कश्मीर ने पिछले रिकॉर्ड को पार करते हुए 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया। पिछले 10 वर्षों में, अमरनाथ यात्रा में सबसे अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों ने भाग लिया है और माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए भी भक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।” प्रधानमंत्री ने विदेशी पर्यटकों के आगमन में वृद्धि और मशहूर हस्तियों और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के प्रति बढ़ते आकर्षण पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अब, यहां तक कि प्रमुख हस्तियां और विदेशी मेहमान भी जम्मू-कश्मीर की घाटियों का पता लगाने और वीडियो और रील बनाने के लिए आते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कृषि की ओर बढ़ते हुए, केसर, सेब, सूखे फल और चेरी सहित जम्मू-कश्मीर की कृषि उपज की ताकत पर बल दिया और इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण कृषि केंद्र के रूप में नामित किया। उन्होंने कहा कि 5,000 करोड़ रुपये के कृषि विकास कार्यक्रम से अगले 5 वर्षों में जम्मू-कश्मीर के कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, विशेष रूप से बागवानी और पशुधन विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह पहल विशेष रूप से बागवानी और पशुपालन के क्षेत्र में हजारों नए अवसर पैदा करेगी।”
इसके अतिरिक्त, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लगभग 3,000 करोड़ रुपये के सीधे हस्तांतरण का उल्लेख किया। फलों और सब्जियों की भंडारण क्षमता बढ़ाने और उनके लंबे समय तक संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए, जम्मू-कश्मीर में भंडारण सुविधाएं बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना’ की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में कई गोदामों का निर्माण शामिल होगा।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास की तीव्र गति को देखते हुए, 2 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उल्लेख किया क्योंकि एम्स जम्मू का उद्घाटन पहले ही हो चुका है और एम्स कश्मीर में काम चल रहा है। उन्होंने क्षेत्र में 7 नए चिकित्सा महाविद्यालयों, 2 कैंसर अस्पतालों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे संस्थानों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं और श्रीनगर से संगलदान और संगलदान से बारामूल तक रेल सेवाएं शुरू हो गई हैं। संपर्क के इस विस्तार ने आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन दिया है। प्रधानमंत्री ने जम्मू और श्रीनगर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नई परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर की सफलता की कहानी पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बनेगी।”
अपने मन की बात कार्यक्रम में इस इलाके की हस्तशिल्प और स्वच्छता के उल्लेख को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कमल के साथ जम्मू कश्मीर के खास संबंध को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं के हर क्षेत्र में विकास के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कौशल विकास से लेकर खेल तक नए अवसर पैदा हो रहे हैं और उन्होंने जम्मू- कश्मीर के हर जिले में बन रही आधुनिक खेल सुविधाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने 17 जिलों में बने बहुउद्देश्यीय मल्टीपर्पस इनडोर स्पोर्ट्स हॉल और जम्मू-कश्मीर में कई राष्ट्रीय खेल टूर्नामेंटों की मेजबानी का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब जम्मू-कश्मीर देश की शीतकालीन खेल राजधानी के रूप में उभर रहा है। हाल ही में आयोजित खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों में लगभग 1000 खिलाड़ियों ने भाग लिया है।”
प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का जिक्र करते हुए कहा, “जम्मू और कश्मीर आज स्वतंत्र रूप से सांस ले रहा है, इसलिए नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है जिससे युवाओं की प्रतिभा का सम्मान और सभी के लिए समान अधिकार और समान अवसर प्राप्त हुए हैं।“ उन्होंने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों, वाल्मिकी समुदाय और सफाई कर्मचारियों को मतदान का अधिकार मिलने, अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल होने के लिए वाल्मिकी समुदाय की मांग को पूरा करने, अनुसूचित जनजाति, पद्दारी जनजाति के लिए विधानसभा में सीटें आरक्षित करने और पद्दारी जनजाति, पहाड़ी जातीय समूह, गद्दा ब्राह्मण और कोली समुदाय को अनुसूचित जनजातियों में शामिल करने की बात कही। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि जम्मू और कश्मीर में वंशवादी राजनीति ने पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में अन्य पिछड़े वर्गों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण के अधिकार से वंचित कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, ”आज हर वर्ग को उसका हक लौटाया जा रहा है।”
जम्मू-कश्मीर बैंक के बदलाव पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने अतीत के कुप्रबंधन को याद किया और इसे वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार का शिकार बताया। प्रधानमंत्री ने बैंक की सेहत को दुरुस्त करने के लिए सुधारों के बारे में भी बात की। उन्होंने बैंक को 1000 करोड़ रुपये की मदद और गलत नियुक्तियों पर कार्रवाई का जिक्र किया। एंटी करप्शन ब्यूरो अभी भी ऐसी हजारों नियुक्तियों की जांच कर रहा है। उन्होंने पिछले 5 वर्षों में पारदर्शी भर्तियों पर प्रकाश डाला। नतीजा यह हुआ कि जेएंडके बैंक का मुनाफा 1700 करोड़ रुपये और कारोबार 5 साल पहले के 1.25 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जमा राशि भी 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गयी। 5 साल पहले जो एनपीए 11 प्रतिशत से ऊपर था, उसे 5 प्रतिशत से नीचे लाया गया है। बैंक का शेयर भी 5 साल पहले के 12 रुपये से 12 गुना बढ़कर लगभग 140 रुपये पर पहुंच गया है। पीएम मोदी ने कहा, “जब ईमानदार सरकार होती है, इरादा जनता के कल्याण का होता है तो जनता को हर मुश्किल से बाहर निकाला जा सकता है।”
यह बताते हुए कि आजादी के बाद से जम्मू-कश्मीर वंशवादी राजनीति का सबसे बड़ा शिकार रहा है, प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर के लिए विकास अभियान किसी भी कीमत पर नहीं रुकेगा और क्षेत्र अगले 5 वर्षों में और अधिक तेजी से विकसित होगा।
प्रधानमंत्री ने रमज़ान के पवित्र महीने पर पूरे देश को शुभकामनाएं देते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। पीएम मोदी ने अंत में कहा, ”मेरी ख्वाहिश है कि रमजान के महीने से सभी को शांति और सद्भाव का संदेश मिले। कल महाशिवरात्रि है, मैं सभी को इस पवित्र त्योहार की शुभकामनाएं देता हूं।”
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।