नीति आयोग देश के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक की तीसरी कड़ी आज जारी करेगा। पहली कड़ी दिसम्बर 2018 में जारी की गई थी। इसके बाद से यह सूचकांक देश में सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति पर निगरानी रखने का कारगर माध्यम बन गया है। इसके तहत वैश्विक लक्ष्यों के आधार पर रैंकिंग दिए जाने से राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार सतत विकास लक्ष्य भारत सूचकांक और डैशबोर्ड जारी करेंगे।
सतत विकास लक्ष्यों के 2030 के एजेंडे को हासिल करने की दिशा में एक तिहाई यात्रा अभी बाकी है। ऐसे में यह सूचकांक रिपोर्ट, भागीदारी के महत्व पर ध्यान केन्द्रित करती है। इसे शीर्षक दिया गया है- ”एस.डी.जी. भारत सूचकांक और डैशबार्ड : कार्रवाई के दशक में भागीदारी”।
तीसरे संस्करण में सत्रह उद्देश्य, सत्तर लक्ष्य और एक सौ पंद्रह सूचक शामिल किये गये हैं। सूचकांक का निर्माण और आगामी कार्यप्रणाली सतत विकास लक्ष्य पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन को मापने और उन्हें रैंकिंग देने के केंद्रीय उद्देश्यों का प्रतीक है। ये उन क्षेत्रों की पहचान करने में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का समर्थन करता है, जिन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और यह उनकी भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है। लक्ष्य निर्धारण और अंत के सामान्यीकरण की तकनीकी प्रक्रिया विश्व स्तर पर स्थापित पद्धति का पालन करती है। संकेतकों का चयन सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के धारकों के साथ करीबी समन्वय में की गयी परामर्श प्रक्रिया से पहले होता है। चयन प्रक्रिया को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे जाने वाले संकेतकों की मसौदा सूची पर टिप्पणियों और सुझावों द्वारा सूचित किया जाता है। सूचकांक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप होने के साथ 2030 एजेंडा के तहत वैश्विक लक्ष्यों की व्यापक प्रकृति की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।