केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने देश में किराए पर मकान देने को बढ़ावा देने के लिए मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मसौदे को मंजूरी दे दी है। मसौदे में मकान मालिक और किराएदार दोनों के हितों और अधिकारों को उत्तरदायी और पारदर्शी ढंग से संतुलित करने का प्रयास किया गया है।
इस अधिनियम की आवश्यकता स्पष्ट करते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों- जैसे निर्धन प्रवासी, श्रमिक, युवा कामगार, अन्य पेशेवर लोग और विद्यार्थियों के लिए किराए का मकान प्राथमिक विकल्प है। हालांकि मौजूदा किराया नियमन कानूनों से सुगमता से किराए पर मकान दिए जाने की गति बाधित हो रही है। मकान वापस न मिलने के भय से मकान मालिक अपने खाली मकान किराए पर देने से कतराते हैं।
आवसन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मॉडल किराया आवास अधिनियम से किराए के आवासों के छद्म बाजार को औपचारिक रूप देने में मदद मिलेगी।