अख़बारों ने कोरोना के लिए दूसरा स्वदेशी टीका इस वर्ष मिल जाने की उम्मीद को सुर्खियों में दिया है। हरिभूमि ने लिखा है- वैक्सीन की बढ़ती जरूरत और टीकाकरण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाया। हैदराबाद की कम्पनी को तीस करोड़ खुराक तैयार करने का आर्डर दिए जाने के साथ ही अख़बारों ने लिखा है- अगस्त से दिसम्बर के बीच उत्पादन शुरू करेगी कम्पनी।
राष्ट्रीय सहारा ने अमरीका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और अन्य तीन देशों के नेताओं तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बातचीत की खबर के साथ लिखा है- भारत समेत चार देशों को साठ लाख टीके सीधे देगा अमरीका।
दैनिक जागरण की खबर है- कोरोना से मां-बाप को खोने वाले बच्चों की देखभाल के दिशा-निर्देश तय। शिक्षा निशुल्क और संरक्षक डीएम होंगे। जनसत्ता की बड़ी सुर्खी है- केन्द्रीय सर्तकता आयोग ने कहा- सेवा निवृति के तुरन्त बाद निजी क्षेत्र की नौकरी करना गम्भीर कदाचार। अख़बार ने लिखा है- सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद शांत बैठने की अवधि पूरी किए बिना निजी क्षेत्र के संगठनों में नौकरी करना गम्भीर कदाचार है। आयोग ने आदेश में कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद नौकरी देने से पहले सभी सरकारी संगठनों को अनिवार्य रूप से सतर्कता आयोग की मंजूरी लेनी चाहिए। राज्यों के प्रदर्शन की रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा जारी करने की ख़बर भी अधिकांश अख़बारों ने पहले पन्ने पर दी है।
दैनिक भास्कर ने लिखा है- सभी राज्यों को 17 मानकों पर आंका गया, लक्ष्य है, वर्ष 2030 तक सबको श्रेष्ठ बनाना। चंडीगढ़ ने सबसे अधिक सौ में से 79 अंक हासिल किए। छोटे राज्यों में गोवा कर रहा है कमाल।
हिन्दुस्तान ने लिखा है- केन्द्रशासित प्रदेशों में दिल्ली दूसरे स्थान पर हरियाणा और उत्तराखण्ड तरक्की में तेज। वांछित अपराधी मेहुल चोकसी को वापस लाने की कवायद और विदेश मंत्रालय की तमाम कोशिशों पर भी सभी अख़बारों की नजर है।
अमर उजाला, जनसत्ता और नवभारत टाइम्स ने शीर्ष अदालत द्वारा दो फैसलों में राजद्रोह और अदालत की अवमानना को स्पष्ट करने की खबर विस्तार से दी है।
राजस्थान पत्रिका और दैनिक ट्रिब्यून ने मानसून के दो दिन देरी से केरल में दस्तक देने को राहत का आगमन बताया है। हिन्दुस्तान लिखता है- 27 जून तक दिल्ली पहुंचेगा मानसून।