भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी हैदराबाद ने कोविड के बाद होने वाले फंगल संक्रमण के उपचार के लिए नैनो फाइबर आधारित टेबलेट एम्फोटेरिसिन विकसित की है। इस टेबलेट को आमतौर पर एएमबी कहा जाता है। अभी एएमबी इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है। आईआईटी हैदराबाद के अनुसंधान कर्ताओं ने अपने इस अविष्कार को बौद्धिक संपदा अधिकार के दायरे से मुक्त रखने का निश्चय किया है। इस तरह इस सस्ती और प्रभावी दवा का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। आईआईटी के रसायनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सप्तऋषि मजूमदार और डॉ. चन्द्र शेखर शर्मा ने दो साल पहले अनुसंधान कर बताया था कि नैनो फाइब्रोस एएमबी कालाआजार के उपचार में प्रभावी है।
Related posts
-
उत्तर प्रदेश सरकार ने PM GKAY को अगले साल होली तक बढ़ाने का निर्णय लिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-पीएम जीकेएवाई को अगले साल होली तक बढ़ाने... -
मेघालय में एनपीपी ने विधानसभा उपचुनाव में दो सीट जीती
मेघालय में सत्तारूढ एम डी ए गठबंधन की नेशनल पीपुल्स पार्टी- एन पी पी ने विधानसभा... -
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने सभी चार विधानसभा सीटें जीत ली
हिमाचल प्रदेश में हुए उप चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने मंडी संसदीय सीट समेत सभी...