अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ष 2024 में भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6 दशमलव सात प्रतिशत कर दिया है। यह उसके पिछले पूर्वानुमान 6 दशमलव तीन प्रतिशत से 40 आधार अंक अधिक है। अपनी नवीनतम रिपोर्ट में मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत की मध्यम अवधि की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6 दशमलव पांच प्रतिशत रहेगी। यह वर्ष 2025 और 2026 के पहले के पूर्वानुमान से 20 आधार अंक का ज्यादा है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा कि भारत में सशक्त सार्वजनिक निवेश और अनुकूल श्रम बाजार जैसे संकेतकों से उसकी वृद्धि दर का पता चलता है। संगठन ने कहा है कि भारत वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने चालू खाता घाटे के अनुमान को सकल घरेलू उत्पाद के एक दशमलव आठ प्रतिशत से घटाकर एक दशमलव छह प्रतिशत तक कर लेगा।
एजेंसी के अनुसार भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इस बीच वित्त वर्ष 2023 में, भारत की आर्थिक वृद्धि दर में पिछले वर्ष की तुलना में 7 दशमलव दो प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।